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माता-पिता की सेवा, बच्चों को संस्कार देना भी परमात्मा की सेवा


 

उज्जैन। गृहस्थ जीवन वही श्रेष्ठ है जिसमें आप पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाते हुए भी परमात्मा को न भूलें। माता-पिता की सेवा, बच्चों को अच्छी शिक्षा-संस्कार देना भी परमात्मा की सेवा है। 

उक्त बात शास्त्रीनगर मैदान में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा अमृत ज्ञान के दूसरे दिन संत कृष्णमुरारी बापू अयोध्यावालों ने कही। कथा में सुकदेव महाराज को भागवत अध्ययन की चर्चा हुई। युधिष्ठिर की राजनीति शिक्षा के साथ ही परिक्षित को मृत्यु श्राप प्रसंग की कथा सुनाई। कथा समापन पर एमआईसी सदस्य दुर्गा शक्तिसिंह चौधरी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष भरत पोरवाल, अजीत सेंगर, अर्जुन राठौर, पार्षद प्रेमलता बैंडवाल, रिंकू बेलानी, राजेश ठाकुर, रिंकू परमार, दीपक बेलानी ने आरती की। 19 फरवरी तक चलने वाली भागवत कथा प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक शास्त्रीनगर मैदान में आयोजित की जा रही है। आयोजकों ने प्रतिदिन कथा श्रवण कर धर्मलाभ लेने का अनुरोध शहरवासियों से किया है। 

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