शिप्रा तट के किनारों से भी शराब की दुकानें हटें
संदीप कुलश्रेष्ठ
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में अपनी नर्मदा यात्रा के दौरान यह महत्वपूर्ण घोषणा की हैं कि नर्मदा तट के समस्त किनारों से देशी विदेशी शराब की दुकानें बंद कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री का यह एक ऐतिहासिक फैसला हैं। मुख्यमंत्री ने जिस प्रकार नर्मदा तट से शराब की दुकानें हटाने की महत्वपूर्ण घोषणा की हैं , उसी प्रकार उनसे अपेक्षा हैं कि वे पतीत पावन शिप्रा नदी के किनारों से भी शराब की दुकानें बंद करने का फैसला लेंगे।
मुख्यमंत्री ने अपनी बहु प्रशंसित नर्मदा यात्रा के दौरान घोषणा की हैं कि नर्मदा किनारों से शराब की समस्त दुकानें हटा दी जाएगीं । इससे नर्मदा तट के 12 जिलों में 5 किलोमीटर परिधि में आने वाली 58 देशी विदेशी शराब की दुकानें बंद हो जाएगी। इसी प्रकार का फैसला शिप्रा किनारे लेने से शिप्रा के तट के रहवासियों को भी आत्मीय सुख प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर पूरे प्रदेश में शराब पीने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए लोगों से आगे आने की अपील की हैं। इससे यह संकेत मिलते हैं कि अगले विधानसभा चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश में भी शराब बंदी का ऐलान कर सकते हैं। अभी देश के दो राज्यों गुजरात और बिहार में शराब बंदी हैं। मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश में भी शराबबंदी का फैसला लेते हैं तो यह देश का तीसरा राज्य होगा। यह भी पता चला हैं कि मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश में शराबबंदी के लिए एक सर्वे करवा रहे हैं। यदि यह खबर सही हैं तो यह एक सुखद समाचार कहा जा सकता हैं ।
यह सर्वज्ञात हैं कि शराब से घर परिवार उजड़ जाते हैं। सबसे अधिक मार घर की महिलाओं पर पड़ती हैं। उनका जीना हराम हो जाता हैं। घर बरबाद हो जाते हैं। शराब की दुकानों से राज्य सरकार को जितनी राजस्व प्राप्त होती हैं , उससे कहीं अधिक सामाजिक दृष्टिकोण से नुकसान होता हैं। शराब से होने वाली बुराइयों की फेहरिस्त बहुत लंबी हैं। यह सब भलीभांति जानते हैं कि शराब पीने से कितने नुकसान होते हैं। इसलिए यदि मुख्यमंत्री प्रदेश में शराबबंदी का फैसला लेते हैं तो यह स्वागतयोग्य कदम ही कहा जा सकेगा।
उज्जैन के निवासियों और पुण्यदायिनी शिप्रा के प्रति आस्था और विश्वास करने वाले श्रद्धालुओं ने जबसे यह सुना हैं कि मुख्यमंत्री ने नर्मदा के किनारे से शराब की दुकाने हटाने का फैसला लिया हैं। उसके बाद से ही उन्हें भी आशा बंधी हैं कि संवेदनशील मुख्यमंत्री दूसरे चरण में शिप्रा तट के किनारे से भी शराब की दुकाने बंद कराने का फैसला करेंगे।
हर बारह साल में उज्जैन में सिंहस्थ का आयोजन उमंग और उत्साह के साथ किया जाता हैं। एक माह तक चलने वाले सिंहस्थ आयोजन में प्रदेश ही नहीं , बल्कि देश भर के लाखों श्रद्धालु आस्था और विश्वास के साथ उज्जैन आते हैं। और पुण्यदायिनी शिप्रा नदी में डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करते हैं। शिप्रा तट पर सिंहस्थ के आयोजन के कारण उज्जैन में शिप्रा नदी के तट से शराब की दुकानें हटना और भी जरूरी हो गया हैं। संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से अपेक्षा हैं कि वे इस दिशा में तुरंत पहल करेंगे।