संबल योजना : बुजुर्गों को मिला पुलिस का सहारा
संदीप कुलश्रेष्ठ
उज्जैन के पुलिस अधीक्षक श्री एम एस वर्मा ने उज्जैन में बुजुर्गो को सहारा, सुरक्षा और अपनापन देने के लिए एक अभिनव योजना शुरू की हैं। इस योजना का नाम हैं संबल योजना। मध्यप्रदेश में केवल उज्जैन में शुरू हुई इस अनुकरणीय योजना में पुलिस अधीक्षक श्री एम एस वर्मा ने पुलिस लाइन में हाल ही में उज्जैन में अकेले रह रहे बुजुर्गो को सादर आंमत्रित किया। बुजर्गो से उन्हांने उनकी समस्याएँ सुनी और मौके पर ही उनके निराकरण के लिए संबंधित क्षेत्र के टीआई को तुरंत ही आवश्यक निर्देश् ा भी दिए।
एस पी श्री वर्मा द्वाराशुरू की गई इस अभिनव पहल में पुलिस लाइन में आयोजित एक समारोह में उज्जैन शहर से करीब 250 बुजुर्ग षामिल हुए। बुजुर्गों ने अपनी समस्याए भी बताई और महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। अनेक बुजुर्गो द्वारा दिए गए सुझाव अनेक मायने रखते हैं और यदि उसका क्रियान्वयन भी पुलिस अधीक्षक ने कर लिया तो यह बुजुर्गो के लिए किसी सौगात से कम नही होगा।
पुलिस लाइन आए अनेक बुजुर्गो में से कुछ ऐसे भी हैं , जिनके बेटे नौकरी करने विदेष गए हैं। कुछ को उनके परिवार ने छोड दिया हैं । कुछ ऐसे भी बुजुर्ग हैं , जिनका कोई नहीं हैं और वे अकेले हैं। ऐसे बुजुर्गो का आशीर्वाद लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने उन्हें आश्वस्त किया कि अब से हम सब का यह एक परिवार हैं और हम आपके बेटे हैं। कोई भी दुखदर्द हो तो वे उनसे निःसंकोच कह सकते हैं। पुलिस अधीक्षक ने बुजुर्गो को आश्वस्त किया कि अब वे हर महिने उनके साथ इसी प्रकार बैठक करेंगे।
उज्जैन में आरंभ इस अभिनव पहल को शुरू करने की दास्तान भी अनोखी हैं। गत नवंबर की बात हैं । एक बुजुर्ग दंपत्ति एसपी श्री मनोहर वर्मा से मिले । उन्होंने एसपी को अपना दुखड़ा सुनाया। यह बुजुर्ग दंपत्ति वर्तमान में अकेले रह रहे हैं, जबकि उनका एक बेटा और एक बेटी दोनों विदेश में बस गए हैं । यहां उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं हैं। अत्यंत संपन्न परिवार के होने के बाद भी बुजुर्ग दंपत्ति की दशा को देखकर पुलिस अध्ीक्षक ने ऐसे ही बुजुर्गो के दुखदर्द दूर करने की ठानी और शुरू की संबल योजना। इस योजना के अंतर्गत उज्जैन के करीब 425 लोगों की सूची तैयार की गई, जो अकेले रहते हैं। प्रत्येक बुजुर्ग के साथ में एक जवान को पुलिस मित्र बनाने का सपना उन्होंने देखा और गत सोमवार को इस सपने को साकार भी कर दिखाया। पुलिस अधीक्षक श्री वर्मा ने अपने सहयोगी अधिकारियों और पुलिस जवानों के साथ बुजुर्गो को यह आश्वस्त किया कि अब पुलिस विभाग उनका मित्र हैं और पुलिस जवान और सभी अधिकारी उनके बेटे। बुजुर्गो के साथ पुलिस जवानों , पुलिस अधिकारियों और पुलिस अधीक्षक ने साथ में बैठकर एक परिवार की भांती भोजन भी किया।
पुलिस अधीक्षक श्री एम एस वर्मा का यह अभिनव प्रयास अन्य जिलों के लिए भी अनुकरणीय और प्रेरणास्पद हैं। पुलिस महानिदेशक ऋशि कुमार षुक्ला को चाहिए कि वें उज्जैन की इस अभिनव योजना को मॉडल बनाएं और प्रदेश के समस्त जिलों में इसे लागू करें, ताकि अकेले रह रहे बुजुर्गो को पुलिस मित्र के रूप में उनके हाल चाल व कुशलक्षेम जानने वाला एक दत्तक पुत्र मिल सकें।
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