आज कांग्रेस जारी करेंगी यूपी चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र
यूपी में सत्ता वापसी का सपना देख रही कांग्रेस बुधवार को अपना घोषणा पत्र जारी करने की तैयारी में है. तय कार्यक्रम के अनुसार 8 फरवरी को सुबह 11 बजे कांग्रेस महासचिव एवं उत्तर प्रदेश के प्रभारी गुलाम नबी आज़ाद, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर के साथ वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की मौजूदगी में घोषणा पत्र जारी होगा. आपको बता दें कि कांग्रेस यह चुनाव सपा के साथ मिल कर लड़ रही है. सपा अपना घोषणा पत्र पहले ही जारी कर चुकी है.
उम्मीद है कि अन्य पार्टियों की तरह ही कांग्रेस भी अपने घोषणा पत्र में युवाओं को नौकरी, किसानों को रियायत और विकास पर फोकस करेगी. कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होने से पहले आपको हम एक-एक कर सभी पार्टियों के घोषणा पत्रों की बड़ी बातें बता रहे हैं.
सपा: सभी वर्ग को साधने की कोशिश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार 22 जनवरी को सपा का घोषणा पत्र जारी किया था. इस विधानसभा चुनावों में अपना घोषणा पत्र जारी करने वाली सबसे पहली पार्टी सपा ही थी. सपा के इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि पहली बार पार्टी का घोषणा पत्र मुलायम सिंह की गैरमौजूदगी में जारी हुआ था. घोषणा पत्र जारी करते समय अखिलेश के साथ उनकी पत्नी और सांसद डिंपल यादव, मंत्री आजम खान के साथ तमाम अन्य मंत्री और नेता शामिल थे.
- समाजवादी किसान कोष की स्थापना
- एक करोड़ लोगों को 1 हजार मासिक पेंशन
- प्राइमरी स्कूल में बच्चों को एक लीटर घी
- असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए योजना
- अल्पसंख्यकों के कौशल विकास पर जोर
- गरीब महिलाओं को प्रेशर कुकर
- महिलाओं के लिए रोडवेज बस में आधा किराया
- गांव में 24 घंटे बिजली पहुंचाने का काम
- गांव में जानवरों के इलाज के लिए एंबुलेंस
- हर जिले को फोरलेन से जोड़ने की तैयारी
- समाजवादी लैपटॉप योजना
बीजेपी: घोषणा पत्र को दिया संकल्प पत्र नाम
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी का घोषणा पत्र 28 जनवरी को जारी किया था. बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के लिए घोषणापत्र को संकल्प पत्र के नाम से जारी किया था.
- संविधान के नियमों के तहत राम मंदिर के निर्माण का प्रयास
- सभी कॉलेजों में मुफ्त वाई फाई की सुविधा
- अगले 5 साल में हर गांव में 24 घंटे बिजली की सुविधा
- लैपटॉप के साथ-साथ एक जीबी डाटा भी
- भूमाफियाओं के खिलाफ टास्क फोर्स का ऐलान
- बुंदेलशंड के विकास के लिए बुंदेलखंड विकास बोर्ड के गठन की बात
- हर जिले में महिला पुलिस स्टेशन बनाने की घोषणा
- गरीब घर में बेटी के जन्म पर 5000 रुपए की मदद
- विधवा पेंशन के लिए उम्र की सीमा खत्म करने का ऐलान
- स्नातक तक लड़कियों व 12वीं तक लड़कों के लिए मुफ्त शिक्षा
- पर्यटन स्थलों के लिए हेलिकॉप्टर सेवा और मेट्रो का विस्तार
आरएलडी: किसान और रोजगार पर फोकस
आरएलडी ने यूपी विधानसभा चुनावों की खातिर अपना चुनावी घोषणा पत्र 6 फरवरी को जारी किया था. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में किसानों पर खास फोकस करने के साथ ही रोजगार पर विशेष ध्यान दिया. घोषणा पत्र जारी करते समय रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत सिंह, युवा नेता व रालोद के राष्ट्रीय महासचिव जयंत चौधरी सहित पार्टी के अन्य शीर्ष नेता भी मौजूद थे.
- किसान आयोग के गठन का मुद्दा
- ग्राम स्वराज की योजना साकार करने पर विशेष ध्यान
- 14 दिन के अंदर गन्ना किसानों के भुगतान की बात
- प्रदेश में रिक्त पड़े पदों को 100 दिन में भरने की बात
- पश्चिमी यूपी, बुंदेलखंड, पूर्वांचल में हाइकोर्ट बेंच स्थापित करने का वादा
बीएसपी: बिना घोषणा पत्र मैदान में
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी इन चुनावों में बिना घोषणा पत्र के उतरेगी. बीजेपी के घोषणा पत्र पर अपनी टिप्पणी देते वक्त मायावती ने कहा था कि आजादी के बाद सरकारों ने एक से बढ़कर एक घोषणापत्र जारी किए, लेकिन सत्ता में आने के बाद इन घोषणाओं को रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाता है. इन्हीं कारणों से जनता में विश्वास खत्म हो जाता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए बसपा कोई घोषणापत्र जारी नहीं करेगी.
मायावती ने कहा था कि बीएसपी लोक कल्याण कार्यों में भागीदारी बढ़ाते हुए आगे बढ़ेगी. बीएसपी ने लोगों का विश्वास जीतने का काम किया है. बीएसपी अपनी नीति पर कायम रहते हुए चुनाव लड़ेगी. समाज के विभिन्न वर्गों में बीएसपी की अच्छी पकड़ है. बीएसपी कोई जातिवादी पार्टी नहीं है वो सबको साथ लेकर चलेगी. चुनावी रैली में सभी मुद्दों को जनता के सामने रखा जायेगा.