भागवत श्रवण करने से होता है अंतर्मन साफ- यशोदानंदन महाराज
उज्जैन। भागवत का श्रवण करने से अंतर्मन साफ हो जाता है। इसे सुनने के लिए मन के अंदर मंडप बनाना होगा। जिसमें धर्म, काम, मोक्ष, सत्संग भजन के खंभ गाड़ना होंगे। उस पर श्रध्दा रूपी पत्तियां बिछा देना तब जाकर आत्मा को ईश्वर के दर्शन होंगे। उक्त बात हरसिध्दि चौराहा स्थित बैकुंठ धाम में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में दूसरे दिन सोमवार को 1008 महामंडलेश्वर यशोदानंदन महाराज ने कही।
महाकाल के पुजारी कैलाश नारायण शर्मा के सानिध्य में आयोजित कथा में मुख्य यजमान शिवशंकर डुमेले द्वारा पूजन किया गया। कथा में डंडावाले गुरूजी विशेष रूप से उपस्थित हुए। इस अवसर पर मनोज व्यास, राम व्यास, संजय व्यास, डॉ. वी.के. सिंह, अशोक मंगल, उदयसिंह, जुगलकिशोर, सत्यपाल राजपूत, जगदीश भट्ट, कैलाश चौधरी, सुंदरसिंह, सुरेश, कृष्ण डिमोले आदि उपस्थित थे। संचालन पूर्व पार्षद जगदीश पांचाल ने किया। पं. मनोज व्यास के अनुसार कथा 11 फरवरी तक प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक चल रही है।