राजनीतिक चंदाखोरी पर सर्जिकल स्ट्राइक
डॉ. चंदर सोनाने
हाल ही में केंद्र के वित मंत्री श्री अरूण जेटली ने अपने द्वारा प्रस्तुत बजट में राजनीतिक चंदाखोरी पर सर्जिकल स्ट्राइक की हैं। अभी तक किसी भी राजनीतिक दल को 20 हजार रूपये तक नकद लेने पर कोई रोक टोक नही थी और न ही उसे इसका कोई हिसाब देना पड़ता था। इस बजट में इसकी सीमा 10 गुना कम कर दी गई हैं। अब राजनीतिक दल मात्र दो हजार रूपये से अधिक नकद राशि नहीं ले सकेंगे।
केंद्र सरकार का राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम कहा जा सकता हैं। अनेक ऐसी राजनीतिक पार्टियां हैं , जो अभी तक नकद बीस हजार रूपये तक की राशि को कई बार बेनामी बताकर भी लेते रहे हैं। इसके लिए उन्हें किसी को भी कोई जानकारी देने की जरूरत नहीं थी। केंद्र सरकार ने इस बजट में राजनीतिक चंदाखोरी पर कठोर अंकुश लगाकर राजनीतिक दलों पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई हैं। इसकी सर्वत्र सराहना की जानी चाहिए।
किसी भी व्यक्ति को ढ़ाई लाख रूपये से अधिक की आय होने पर उसे आयकर में अपनी विवरणिका भरनी होती हैं। किंतु राजनैतिक दल नकद राशि की सीमा का बहाना कर इससे बचते रहे हैं और करोड़ों रूपये चंदे में एकत्रित कर अपनी पेटी भरते रहे हैं। इसकी हमेशा से आलोचना होती रही हैं। केंद्र में अलग-अलग समय पर अलग-अलग राजनैतिक दलों की सरकारें रहीं हैं, किंतु किसी ने भी राजनीतिक चंदाखोरी पर इस तरह अंकुश लगान का प्रयास नही किया। देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ हैं कि राजनीतिक चंदाखोरी पर अंकुश लगाया गया हैं।
केंद्रीय वित मंत्री श्री अरूण जेटली ने वर्श 2017-18 का आम बजट पेष करते हुए राजनीतिक चंदाखोरी पर अंकुश लगाकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया हैं। हालांकि इससे कोई भी राजनैतिक दल खुश नहीं होगा। भाजपा संगठन से जुडे व्यक्ति भी खुश नही होंगे । किंतु इसका विरोध करने का साहस कोई भी नही कर पाएगा। यह एक बहुत बड़ी सफलता वित मंत्री की कही जा सकती हैं। उन्होंने अत्यंत चतुराई के साथ राजनीतिक चंदा लेने वाले राजनैतिक दलों पर अंकुश लगाया हैं।
देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति का ही परिचायक हैं कि देश के इतिहास में पहली बार राजनैतिक दलां पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए उन्हें दो हजार रूपये से अधिक नकद चंदा लेने पर प्रतिबंध लगा दिया हैं। राजनैतिक दलों को इससे अधिक राशि का चंदा चेक या डिजिटल पेमेंट के माध्यम से लेना होगा। अब किसी भी राजनैतिक दल द्वारा 2 हजार रूपये से अधिक का चंदा नगद लेंगे तो इसे न केवल इसका हिसाब किताब चुनाव आयोग को देना होगा, बल्कि आयकर विभाग को भी इसकी जानकारी देगा होगी।
विभिन्न राजनैतिक पार्टियों को किसी को हिसाब किताब नहीं देना पडे, इसलिए वे हमेशा से 80 से 90 प्रतिशत चंदे की राशि नकद में इसी तरह लेती हुई दिखाती रही हैं। केंद्र सरकार के इस नए फसले से उस पर लगाम लग सकती हैं। इस बात के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित मंत्री श्री अरूण जेटली को बधाई दी जा सकती हैं।