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राष्ट्रगान के सम्बन्ध में उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन किया जाए, कलेक्टर ने दिये सभी जिला अधिकारियों को निर्देश


    उज्जैन । राष्ट्रगान की गरिमा एवं महिमा को देखते हुए उसका सम्मान, आदर एवं उपयोग करने के सम्बन्ध में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए। इस सम्बन्ध में भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने सभी जिला अधिकारियों को इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किए जाने के निर्देश दिए हैं।

    भारत शासन गृह मंत्रालय ने इस सम्बन्ध में निर्देश दिए हैं कि
•    राष्ट्रगान का वित्तीय फायदा अथवा किसी प्रकार का लाभ लेने के लिए किसी प्रकार का व्यावसायिक दुरूपयोग नहीं किया जाए। स्पष्टत:, राष्ट्रगान का उपयोग इस प्रकार नहीं किया जाए कि जिससे प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े व्यक्ति का किसी प्रकार का व्यावसायिक लाभ अथवा अन्य किसी प्रकार का लाभ हो।

•    राष्ट्रगान का नाट्य रूपांतर नहीं किया जाए और इसे किसी वैरायटी-शो के भाग के रूप में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि जब राष्ट्रगान गाया जाता है अथवा बजाया जाता है तो वहां उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह अनिवार्य है कि वह उसे यथोचित आदर और सम्मान दे। राष्ट्रगान के नाट्य रूपांतर प्रदर्शन के बारे में सोचना भी पूर्णरूपेण कल्पनातीत है।

•    राष्ट्रगान अथवा इसके किसी भाग को किसी वस्तु पर छापा नहीं जाए और उसे कभी भी ऐसे स्थान पर इस प्रकार से प्रदर्शित नहीं किया जाए, जो उसकी मर्यादा के लिए असम्मानजनक और असम्मान के तुल्य हो। यह इसलिए, क्योंकि जब राष्ट्रगान गाया जाता है तो इससे सम्बद्ध प्रोटोकॉल की संकल्पना राष्ट्रीय पहचान, राष्ट्रीय अखंडता और संवैधानिक देशभक्ति की भावना में अन्तर्निहित है।

•    भारत में स्थित सभी सिनेमा हॉल फीचर फिल्म प्रारम्भ होने से पहले राष्ट्रगान बजाएंगे। हॉल में उपस्थित सभी व्यक्ति राष्ट्रगान को सम्मान देने के लिए खड़े होने के लिए बाध्य हैं।

•    सिनेमा हॉल में पर्दे पर राष्ट्रगान बजाए जाने अथवा गाए जाने से पहले प्रवेश और निकास द्वार बन्द रहें, ताकि कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की अशान्ति न फैला सके, जो राष्ट्रगान के प्रति असम्मान स्वरूप होगी। राष्ट्रगान के बज जाने अथवा गाए जाने के पश्चात द्वार खोले जा सकते हैं।

•    जब सिनेमा हॉलों में राष्ट्रगान बजाया जाएगा तो पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाई देता रहेगा।

•    किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी कारण से बनाया गया राष्ट्रगान का लघु रूप न तो बजाया जाएगा और ना ही प्रदर्शित किया जाएगा।

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