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तपोभूमि प्रणेता का हुआ तपोभूमि में मंगल प्रवेश



उज्जैन। श्री महावीर तपोभूमि में मंगलवार शाम तपोभूमि प्रणेता मुनिश्री प्रज्ञा सागर महाराज का मंगल प्रवेश हुआ। मुनिश्री पुष्पगिरी तीर्थ से विहार करते हुए तपोभूमि पहुँचे। मुनिश्री का तपोभूमि में बहुत ही अल्प प्रवास है। यहाँ से मुनिश्री की दक्षिण की तरफ बहुत ही लम्बी यात्रा प्रारम्भ होगी। मुनिश्री गुजरात होते हुए अपनी यात्रा को करेंगे।

मीडिया प्रभारी सचिन कासलीवाल के अनुसार मुनिश्री की तपोभूमि में भव्य अगवानी की गई। तपोभूमि ट्रस्ट अध्यक्ष अशोक जैन चायवाला, राजेन्द्र लुहाड़िया, महेश जैन, विमल जैन, विनीता कासलीवाल, सारिका जैन, मंजू जैन, ज्योति जैन, पुष्पराज जैन, संजय जैन, पलाश लुहाड़िया आदि ने मुनिश्री की अगवानी की। इस अवसर पर मुनिश्री ने कहा कि कभी कभी कोई क्षेत्र कोई स्थान खींचता है। तपोभूमि तो हर बार ही मुझे खिंचती है। कल आना था पर आज ही आ गया। आना 5 बजे तक था पर वक़्त से पहले ही आना हो गया। हर बार मैं कहता हूँ आना है तो जाना पड़ेगा पर इस बार नही कहूँगा। क्योंकि कुछ नही कहा जा सकता कितना समय दक्षिण भारत ने लग जाए और मैं पूरी संतुष्टि के साथ पूरी ख़ुशी के साथ, अपने चारों सपनो को पूर्ण करने के बाद एक लंबी यात्रा पर जा रहा हूँ। आप कह सकते है निर्विकल्प होकर जा रहा हूँ। इसी बात को ध्यान में रख कर की मेरी यात्रा निर्विघ्न हो मैंने आगामी 9 फरवरी को एक अदभुत आयोजन रखा है। इस अवसर पर सामाजिक संसद के अध्यक्ष अशोक जैन चायवाला, सचिव महेश जैन, राजेन्द्र लुहाड़िया, सुगनचंद सेठी, पवन बोहरा, सुनील जैन ट्रांसपोर्ट, धर्मेन्द्र सेठी, फूलचंद छाबड़ा, ओम जैन, सुशील गोधा, धीरेंद्र सेठी, सचिन कासलीवाल, नेमीचंद जैन, इन्दरमल जैन, अमृतलाल जैन, देवेंद्र जैन, सुधीर चंदवाड़, विनोद बड़जात्या, महेंद्र लुहाड़िया, संजय बोहरा, जयेश जैन, सोहनलाल जैन, विकास सेठी, हेमंत गंगवाल, राजेंद्र बड़जात्या, निर्मल सेठी, सुनील जैन, संतोष लुहाड़िया, दीपक जैन, विमल जैन, कमल मोदी, रमेश जैन, संजय जैन, बसंत जैन, सौरभ कासलीवाल, संजय बड़जात्या आदि उपस्थित थे।

’108 कुण्डीय विश्व शांति महायज्ञ’
मुनिश्री के सानिध्य में विश्व शांति एवं समृध्दि के लिए 108 कुंडीय विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन होगा। जिसमें एक साथ 108 परिवार बैठ कर अतिशयकारी बीजाक्षरों मंत्रों की मँगल ध्वनि के साथ 108 अग्नि कुण्डों’ में पूर्णाहुति देंगे। आज बसंत पंचमी से पूजा और जाप प्रारंभ हो जाएंगे। अंतिम दिन गुरू पुष्य नक्षत्र के दिन 9 फरवरी को गुरूवार को 10.48 मिनिट को 108 हवन कुंडों में आहूतियां दी जाएगी जिसमें एक कुंड पर 4 लोग होंगे।

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