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विद्युत विभाग द्वारा डिजिटाइजेशन पर अधिक जोर दिया जाये, जिला स्तरीय विद्युत सलाहकार समिति की बैठक हुई


    उज्जैन । सांसद प्रो.चिन्तामणि मालवीय द्वारा सोमवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभागृह में जिला स्तरीय विद्युत सलाहकार समिति की बैठक ली गई। बैठक में विभाग के निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति, हितग्राहीमूलक योजनाएं, विद्युत उपभोक्ता सेवाएं तथा बकाया राशि पर चर्चा की गई। समिति के अध्यक्ष सांसद श्री मालवीय ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि उपभोक्ताओं को त्वरित, पारदर्शी एवं सुलभ सेवाएं प्रदान करने के लिये विभाग द्वारा डिजिटाइजेशन पर अधिक से अधिक जोर दिया जाना चाहिये।

‘त्वरित’ योजना
    विद्युत विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को प्रदाय की जा रही सेवाओं पर चर्चा के दौरान बताया गया कि ‘त्वरित योजना’ अन्तर्गत विभाग द्वारा उज्जैन जिले के उज्जैन शहर, नागदा शहर एवं बड़नगर शहर में विद्युत उपभोक्ताओं की एफओसी (फ्यूज ऑफ कॉल) शिकायतों का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। उपभोक्ताओं द्वारा सेन्ट्रल कॉल सेन्टर पर टोलफ्री नम्बर 1912 पर शिकायत दर्ज करने के उपरान्त विभाग द्वारा निर्धारित तीन घंटे के अन्दर एफओसी को अटेंड करवाया जाता है। कंपनी द्वारा इस सम्पूर्ण व्यवस्था की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जा रही है। सांसद श्री मालवीय ने कॉल सेन्टर के विकेन्द्रीकरण हेतु प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शिकायत निवारण के लिये उज्जैन में भी केन्द्र खोला जाये।

‘ऊर्जस’ योजना
    बैठक में बताया गया कि विद्युत उपभोक्ताओं को त्वरित, पारदर्शी एवं सुलभ सेवाएं प्रदाय करने के उद्देश्य से ऊर्जस नामक एप तैयार किया गया है। इसमें नवीन निम्नदाब, उच्चदाब कनेक्शन, निम्नदाब भार परिवर्तन, नाम परिवर्तन, विद्युत बिल सुधार और मीटर परिवर्तन जैसी अन्य सभी जानकारी उपभोक्ताओं को आसानी से प्राप्त हो जाती है।

फोटो मीटर रीडिंग
    बैठक में बताया गया कि उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग शिकायतों को दूर करने एवं मीटर रीडिंग में पारदर्शिता लाने के लिये विभाग द्वारा जिले के शहरी क्षेत्रों में फोटो मीटर रीडिंग का कार्य किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ता घर बैठे कंपनी की वेब साइट पर अपना सर्विस क्रमांक अपने मीटर की वर्तमान रीडिंग की जांच कर सकता है। यह सेवा वर्तमान में उज्जैन जिले के उज्जैन शहर, नागदा, खाचरौद, उन्हेल, महिदपुर, तराना, बड़नगर एवं माकड़ोन के शहरी क्षेत्र में दी जा रही है।

विभाग के निर्माण कार्यों के अन्तर्गत ‘टर्न की’ आधारित योजनाओं पर चर्चा के दौरान कार्य की प्रकृति व विभिन्न फर्मों द्वारा उनके संचालन पर विचार-विमर्श किया गया। एसएसटीडी 789 योजना के अन्तर्गत किये जा रहे नवीन 33/11 केव्ही उपकेन्द्र कार्य की समीक्षा के दौरान बताया गया कि रामातलाई, दुपड़ावदा में नौ 33 केव्ही लाइन और दो 11 केव्ही लाइन स्थापित की गई हैं। इसी प्रकार कांकरिया चिराखान में आठ 33 केव्ही व चार 11 केव्ही और निनौरा में छह 33 केव्ही और चार 11 केव्ही लाइन स्थापित की गई हैं। सांसद श्री मालवीय ने शत-प्रतिशत मीटरीकरण किये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

    सांसद ने फीडर सेपरेशन की प्रगति के बारे में अधिकारियों को तलब किया। इसके साथ ही गांव में किसानों को दिन के समय अधिक से अधिक विद्युत प्रदाय किये जाने को कहा। इस दौरान आने वाली तकनीकी खामियों को शीघ्र-अतिशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। बैठक में बारहवी राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत जानकारी दी गई कि अभी तक कुल 141 ग्रामों में 11 केव्ही लाइन, डीटीआर, एलटी लाइन डाली गई है तथा कुल 836 बीपीएल कनेक्शन प्रदाय किये गये हैं। शत-प्रतिशत ग्रामों का विद्युतीकरण भी किया जाये।

दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना
    बैठक में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के बारे में चर्चा के दौरान बताया गया कि उक्त योजना ग्रामों में विद्युत अधोसंरचना विकास हेतु बनाई गई है। इसके अन्तर्गत गांव के घरेलू, गैर-घरेलू व औद्योगिक श्रेणी के अतिरिक्त फीडर का निर्माण कर चौबीस घंटे विद्युत प्रदाय तथा कृषि कार्य हेतु पृथक एवं अतिरिक्त फीडर द्वारा गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय करना है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यमान अधोसंरचना एवं वितरण के सुदृढ़ीकरण हेतु नवीन 33/11 केव्ही उपकेन्द्र विद्यमान पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि, नवीन लाइनों का विस्तार और विद्युत उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण एवं सतत चौबीस घंटे विद्युत प्रदाय करने का लक्ष्य है।

    इस योजना के तहत उज्जैन में एक, नागदा में दो और बड़नगर में दो नवीन 33/11 केव्ही उपकेन्द्र स्थापित किये गये हैं। इसके अलावा उज्जैन में 18500, नागदा में 11202, महिदपुर में 15020, बड़नगर में 13115 और तराना में 4560 इस प्रकार कुल 62937 ग्यारह केव्ही फीडरों के मीटरीकरण और एबी स्वीच लगाने का कार्य किया जाना है।

    हितग्राहीमूलक योजनाओं के अन्तर्गत मुख्यमंत्री स्थाई सिंचाई कनेक्शन योजना के बारे में चर्चा के दौरान जानकारी दी गई कि मध्य प्रदेश शासन द्वारा उक्त योजना के अन्तर्गत कृषकों को सिंचाई कनेक्शन प्रदाय करने हेतु कृषकों को अनुदान दिया जाता है। कृषकों को स्थाई कनेक्शन देने के लिये ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य कंपनी द्वारा ही किया जाता है तथा प्राक्कलन लागत ढाई लाख से कम होने की दशा में कृषकों से केवल निर्धारित प्रति अश्वशक्ति की दर से भुगतान की राशि ली जाती है। ढाई लाख रूपये से अधिक की लागत आने पर इसका अनुमोदन प्रबंध संचालक द्वारा किया जाता है। प्रत्येक अस्थाई कनेक्शनधारी कृषकों को इस योजना में शामिल होने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है।

स्व-वित्त पोषित ट्रांसफार्मर योजना
    बैठक में बताया गया कि यह योजना सभी श्रेणी के कृषकों के लिये प्रचलित है। इस योजना में कृषकों को स्वयं के व्यय से ट्रांसफार्मर एवं अन्य सामग्री क्रय करना होती है। कृषक अपनी मांग अनुसार विद्युत संयोग ले सकता है। योजना में शामिल होने के लिये आवेदक को कंपनी के साथ 500 रूपये के नॉनज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर पर निर्धारित अनुबंध निष्पादित करना होगा। सांसद ने वितरण केन्द्रों पर अतिरिक्त ट्रांसफार्मर रखने को कहा, जिससे आवश्यकता अनुसार उन्हें तुरन्त बदला जा सके।

घरेलू एवं गैर-घरेलू उपभोक्ता के लिये स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना
    यह योजना घरेलू एवं गैर-घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिये है जो नियमित रूप से बिलों का भुगतान करते हैं तथा उनको विद्युत प्रदाय नहीं हो रही है। ट्रांसफार्मर हेतु आवेदन करने वाले वर्तमान प्रभावित उपभोक्ताओं के अतिरिक्त ट्रांसफार्मर की क्षमता के अनुसार तकनीकी साध्यता रखने वाले अन्य घरेलू एवं गैर-घरेलू वाले अन्य उपभोक्ता भी कनेक्शन ले सकते हैं।

अजा, अजजा के कृषि उपभोक्ताओं के लिये नि:शुल्क विद्युत प्रदाय योजना
    बैठक में बताया गया कि इस योजना के तहत लाभ लेने हेतु कृषक अजा, अजजा श्रेणी का होना चाहिये तथा उसकी भूमि एक हेक्टेयर तक होनी चाहिये। कृषक अपनी भूमि सम्बन्धी दस्तावेज आदि के प्रमाण-पत्र एवं जल उपलब्धता के प्रमाण-पत्र के साथ विद्युत विभाग के कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं।

समाधान योजना
    गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत देयकों की बकाया राशि के निराकरण हेतु समाधान योजना संचालित की जा रही है। बैठक में बताया गया कि इस योजना के तहत अभी तक 8648 उपभोक्ता लाभान्वित किये गये हैं। इनमें कुल बकाया राशि 14628.67 लाख रूपये थी, जिसमें से कुल 686.69 लाख रूपये की राशि माफ की गई है। इस योजना के तहत अन्तिम तिथि 30 जनवरी 2017 निर्धारित की गई थी, जिसे सांसद श्री मालवीय द्वारा 31 मार्च 2017 तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है, ताकि और अधिक संख्या में हितग्राही लाभान्वित हो सकें। सांसद ने किसानों की बिजली बिल की बकाया वसूली 31 मार्च तक रोके जाने तथा लोड टे‍स्टिंग करते समय किसानों के केस नहीं बनाये जाने का भी सुझाव दिया।

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