खाराकुंआ मंदिर में जैन पाठशाला के बच्चों ने दी धार्मिक प्रस्तुतियां,
बच्चों ने कंठस्थ किए प्राकृत भाषा के जटिल श्लोक
नई पीढ़ि में संस्कारों का बीजारोपण कर रहे बड़ौदा के पंडित
उज्जैन। संस्कृत से भी प्राचीन प्राकृत भाषा के जटिल श्लोक, मंत्र व गाथाएं छोटे बच्चों ने कंठस्थ किए। श्री चंद्रसागर जैन पाठशाला के करीब 50 बच्चों ने तीन माह के अभ्यास में यह सब किया। रविवार को खाराकुंआ स्थित सिद्धचक्राराधान केशरियानाथ तीर्थ उपाश्रय में सभी ने स्तवन, प्रार्थना, शासन वंदना, माता-पिता व गुरु के प्रति आदरभाव व अन्य धार्मिक प्रस्तुतियां दी। आखिरी में अच्छी प्रस्तुति देने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया। बड़ौदा से आए पंडित सुभाष भाई बच्चों को धर्म ज्ञान का पाठ पढ़ा रहे है। उद्देश्य यहीं की नई पीढ़ि में आधुनिक शिक्षा के साथ धर्म संस्कारों का बीजारोपण भी हों और वे नैतिक समाज का निर्माण कर सकें।
बता दें की पिछले चातुर्मास में आएं मुनि श्री रत्नकीर्ति विजयजी की प्रेरणा से शुरु हुई पाठशाला में रोजाना बच्चें एक से दो घंटे धर्म शिक्षा लेते है। कार्यक्रम दौरान पाठशाला के सहयोगी बने डॉ. पारस मारू, हर्ष जैन, अभिषेक नारेलिया का सम्मान श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी ट्रस्ट सचिव जयंतिलाल तेलवाला, ट्रस्टी संजय ज्वेलर्स, बाबूलाल बिजलीवाला, नरेंद्र तरसिंग, राहुल कटारिया, रमणलाल जैन, संतोष मुहणोत आदि ने किया। इस दौरान बच्चों के अभिभावक व समाजजन मौजूद रहे।