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किशोर न्याय अधिनियम में प्रभावी प्रावधान, बालक से भीख मंगवाने पर 5 वर्ष तक कारावास, लाख रूपये जुर्माना



    उज्जैन । शासन द्वारा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख व संरक्षण) अधिनियम-2015 के तहत प्रभावी रूप से बालकों से भिक्षावृत्ति मंगवाने के विरूद्ध प्रावधान किये गये हैं। इस अधिनियम की धारा 76(1) के तहत यदि कोई व्यक्ति या संस्था बालक को भीख मांगने के लिये नियोजन करती है या किसी बालक से भीख मंगवायेगा तो वह कारावास से दण्डित होगा, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी और एक लाख रूपये के जुर्माने से भी दण्डित होगा।
    यदि भीख मांगने के प्रयोजन के लिये व्यक्ति बालक का अंगोच्छेदन करता है या उसे विकलांग बनाता है तो सात वर्ष के कारावास से दण्डित होगा। यह 10 वर्ष तक का भी हो सकता है। इसके साथ ही पांच लाख रूपये तक के जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा। इस अधिनियम की धारा 77 के तहत यह भी प्रावधान किया गया है कि बालक को मादक द्रव्य या नारकोटिक औषधि या मन:प्रभावी पदार्थ देगा या दिलवायेगा तो सात वर्ष तक के कठोर कारावास और एक लाख रूपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जायेगा।

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