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नोबल सम्मान प्राप्त अर्मत्य सेन ने नोटबंदी को कहा एकतरफा दागी मिसाइल



नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने नोटबंदी की कार्रवाई की शनिवार को फिर आलोचना करते हुए कहा कि यह एकतरफा तरीके से दागी गई बिना दिशा की मिसाइल है और इसमें लोकतांत्रिक परम्पराओं का पालन नहीं किया गया। वहीं अरुण शौरी ने भी इसी मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विदेशों में पड़े कालेधन के लिए लाठियां देश में भांजी जा रही हैं।

सेन ने नोटबंदी को निरंकुश कार्रवाई बताया जो कि जल्दबाजी में की गई जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री शौरी ने कहा कि लोगों को वास्तव में यह पता ही नहीं कि नोटबंदी से कालेधन पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी या नहीं। सेन ने यहां कहा कि समय समय पर हम सरकार द्वारा एकतरफा ढंग से छोड़ी गई मिसाइलों का सामना करते आ रहे हैं। नोटबंदी भी इसी तरह की एक मिसाइल है। लोगों को परेशानी दिक्कतों की रपटें सामने आ रही है लेकिन यह स्पष्ट नहीं कि यह मिसाइल गिरी कहां है।

पिछली संप्रग सरकार द्वारा भारत रत्न से सम्मानित सेन ने यहां सभी के लिए हेल्थकेयर विषय पर एक संगोष्ठी में कम्युनिस्ट चीन तथा भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों में फैसले करने की प्रक्रिया की तुलना करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि चीन में फैसले लोगों के एक छोटे समूह के दृष्टिकोण पर किए जाते हैं जबकि हमारे यहां लोगों की मांग पर भी फैसले किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां राजनीतिक फैसले लोगों की राय के आधार पर होने चाहिए।

सेन गत 8 नवबंर को 1000, 500 रुपये के पुराने नोटों को चलन से निकालने के सरकार के फैसले का पहले भी विरोध कर चुके है। उस समय अर्थव्यवस्था का 80 प्रतिशत से अधिक नकदी इन्हीं दो मूल्य के नोटों के रूप में जनता के पास पड़ी थी। प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की घोषणा करते हुए जो लक्ष्य गिनाए थे उनमें कालेधन की अर्थव्यवस्था, जाली नोट और आतंकवाद के वित्तपोषण पर रोक के उद्देश्यों की बात प्रमुखता से कही गई थी।

उधर, शौरी ने हैरानी जताई कि यह कदम काला धन पर रोक लगाने में कैसे मदद करेगा, जबकि वह विदेशों में पड़ा हुआ है। उन्होंने हैदराबाद साहित्य उत्सव में कहा, जिनके पास काला धन है, क्या वह उसे रुपये के रूप में भारत में रखे हुए है जिनके पास काला धन है, वे इसे विदेशों में रखे हुए हैं। वे कंपनियां खरीदते हैं, वे एस्टेट खरीदते हैं। डेंगू का यह मच्छर स्विट्जरलैंड में उड़ रहा है और आप यहां लाठी भांज रहे हैं। शौरी ने दावा किया कि लोग ठीक से नहीं जानते कि नोटबंदी काला धन पर नियंत्रण लगाने में मदद करेगा या नहीं।

उन्होंने कहा कि कोई विचार इसलिए वैध नहीं हो जाता कि लोगों ने इसके लिए वोट डाला है। लोग नहीं जानते। वे नोटबंदी के गुण दोष नहीं जानते। वे नहीं जानते कि यह वास्तव में काला धन के खिलाफ है या इसने वास्तव में अधिक काला धन पैदा किया है।

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