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ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जिला पंचायत की स्थायी समिति की बैठक में शामिल हुए



    उज्जैन । पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आरएस जुलानिया आज जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन स्थायी समिति की बैठक में शामिल हुए एवं सदस्यों से ग्रामीण विकास की योजनाओं के सम्बन्ध में सुझाव लिये। उन्होंने वर्तमान में चल रही योजनाओं में किये गये परिवर्तनों की जानकारी सदस्यों को दी। बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्री महेश परमार ने की। बैठक में विधायक डॉ.मोहन यादव, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री भरत पोरवाल, समिति के सदस्य श्री करण कुमारिया, श्रीमती सुमित्रा सोन्ती, श्री राजेन्द्र सोलंकी, श्री ईश्वरसिंह चौहान, श्री किशोर शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एसएस रावत, अतिरिक्त कलेक्टर सुश्री रानी बंसल एवं समिति के अन्य सदस्य मौजूद थे।

योजनाओं की व्यवस्थित जानकारी देने के लिये माह में पृथक से बैठक करें
    अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आरएस जुलानिया ने बैठक में जिला पंचायत के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जिला पंचायत के सदस्यों को विभिन्न योजनाओं की छोटी से छोटी जानकारी दें एवं योजनाओं का क्रियान्वयन किस तरह से किया जा रहा है इसके बारे में सदस्यों को हिन्दी भाषा में समझायें। उन्होंने कहा कि जब तक जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर योजनाओं की जानकारी नहीं दी जायेगी, तब तक उनका सहयोग नहीं मिल पायेगा। उन्होंने कहा कि डिंडोरी एवं मण्डला जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन में जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर बेहतर काम हुआ है और वहां पर स्वसहायता समूह की एक-एक महिला प्रतिवर्ष दो-दो लाख रूपये कमा रही हैं।

कपिल धारा योजना पर सुझाव लिये
    अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आरएस जुलानिया ने बैठक में सदस्यों से कपिल धारा योजना के बारे में विस्तृत चर्चा की तथा बताया कि कपिल धारा योजना के तहत ऐसी तहसीलें, जो कि भूजल स्तर के मामले में क्रिटिकल घोषित हो चुकी हैं, वहां कुए के साथ खेत तालाब बनाना अनिवार्य है। वर्तमान में इसकी लागत दो लाख रूपये निर्धारित है। जिला पंचायत सदस्यों ने अतिरिक्त मुख्य सचिव से आग्रह किया कि कपिल धारा कुए व खेत तालाब की सम्मिलित लागत को बढ़ाते हुए कम से कम साढ़े तीन लाख रूपये कर दिया जाये। उज्जैन जिले में आठ मीटर चौड़ा एवं 60 फीट गहरा कुआ ही सफल माना जाता है और यह दो लाख रूपये में नहीं बनता है। इसी तरह सदस्यों द्वारा पुलिया निर्माण की लागत को भी बढ़ाने का आग्रह किया गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने पंच-परमेश्वर योजना में ग्राम पंचायतों को दी जा रही राशि में से ग्रामीण स्वच्छता पर अधिक व्यय करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि सम्पूर्ण जिला 30 जून तक खुले में शौच से मुक्त हो जाता है तो पंच-परमेश्वर योजना में 40 प्रतिशत अधिक राशि ग्राम पंचायतों को दी जायेगी।

    अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री जुलानिया ने इसके अलावा खेत सड़क की मरम्मत एवं हर ग्राम पंचायत को सार्वजनिक कुआ स्वीकृत करने की मांगों पर भी विचार करने का आश्वासन दिया। इसी तरह प्रत्येक ग्राम पंचायत में पशुओं के लिये गौशाला बनाने पर भी चर्चा की गई। श्री जुलानिया ने सामुदायिक भवन, सड़क एवं नाली निर्माण एवं ग्राम पंचायतों में होने वाले छोटे-छोटे निर्माण कार्यों की स्टेण्डर्ड टीएस बनाने के दिशा-निर्देशों पर विशेष चर्चा की। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों के अधिकारों में वृद्धि करते हुए एएस, टीएस एवं मूल्यांकन जैसी बाधाओं को सरलीकृत कर दिया गया है। ग्राम पंचायत स्तर पर ही छोटे निर्माण कार्य ग्राम पंचायतें स्वीकृत कर चालू कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि उज्जैन जिले को वर्तमान में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवासों का चार हजार का लक्ष्य दिया गया है। आगामी वित्तीय वर्ष में संभव है कि आठ हजार आवास और आवंटित किये जायें। उन्होंने स्वीकृत किये गये चार हजार आवासों का निर्माण कार्य शीघ्र-अतिशीघ्र पूरा करवाने का आव्हान जनप्रतिनिधियों से किया।

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