श्रीमद् भागवत कथा में हुआ रूक्मणि विवाह
उज्जैन। सामाजिक न्याय परिसर में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन मथुरा गमन, कंस वध प्रसंग एवं रूक्मणि विवाह प्रसंग का उल्लेख किया गया। रूक्मणि विवाह प्रसंग पर भक्त झूमकर नाचे।
साध्वी पदमहस्ता ने कंस वध प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब-जब भी धरा पर आसुरी प्रवृत्तियां हाहाकार मचाती हैं, तब-तब प्रभु अवतार धारण करते हैं। संस्थान के मुख्य संयोजक स्वामी नरेन्द्रानंद ने धर्म एवं भक्ति विषय पर क्रांतिकारी विचार प्रस्तुत किये। कथा समापन पर उर्जा मंत्री पारस जैन, पार्षद माया त्रिवेदी, मुख्य यजमान हरिसिंह यादव, संयोजक श्याम जायसवाल, रवि राय, अजीत मंगलम, महेश तिलक, राजेश त्रिवेदी, श्रवण शर्मा, पुरूषोत्तम कहार आदि ने आरती की।