विशेषज्ञ भूमिका में नजर आये संभागायुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर
लघु कृषक उत्पादक संगठनों के पदाधिकारियों को दिया प्रशिक्षण
उज्जैन | अपने हाथों में मार्कर पेन लिये बोर्ड पर कृषि उत्पादन तथा उत्पादों की मार्केटिंग के बारे में बारिकी से प्रशिक्षण देते हुए संभागायुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर बुधवार को एक विशेषज्ञ की भूमिका में नजर आये। स्थानीय कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केन्द्र पर पूरे प्रदेश से आये लघु कृषक उत्पादक संगठन के पदाधिकारियों को संभागायुक्त ने खेती को लाभ का धंधा बनाने के नजरिये से किसानों द्वारा की जाने वाली खाद, बीज, कृषि यंत्रों की खरीदी से लेकर अपने उत्पादों को बेचने में ज्यादा से ज्यादा मुनाफे के दृष्टिगत बारिकी से प्रशिक्षित किया।
इस प्रशिक्षण का आयोजन म.प्र.लघु कृषक उत्पादक संगठनों के राज्य स्तरीय परिसंघ मध्यभारत कंर्सोटियम ऑफ फामर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड भोपाल एवं कृषि विकास विभाग उज्जैन द्वारा किया गया था। संभागायुक्त ने प्रशिक्षण में एक विशेषज्ञ की भूमिका निभाते हुए कहा कि छोटे किसानों को एक ही प्लेटफार्म पर कृषि सम्बन्धी सभी सुविधाओं जैसे- वित्त, विपणन, कृषि तकनीक, संग्रहण, प्रसंस्करण आदि प्रदाय करने के लिये ई-फसल प्लेटफार्म का निर्माण किया जा रहा है, जिससे लाखों कृषक जुड़कर खेती से होने वाली आय को बढ़ा सकेंगे। उन्होंने कहा कि किसान को कम खर्च में ज्यादा आय मिल सके, इसके लिये सबसे जरूरी है कि बेचने वाले और खरीदने वाले के मध्य की सप्लाई चेन को कम से कम किया जाये। गुणवत्ता के साथ विक्रय महत्वपूर्ण है। किसान सामूहिक रूप से किसी भी सामग्री का क्रय करते हैं तो उनकी बार्गेनिंग क्षमता में वृद्धि होकर कम कीमत में हरेक सामग्री प्राप्त की जा सकती है। यदि किसान सामूहिक रूप से ऋण भी लेते हैं तो कोई भी बैंक उन्हें कम ब्याज दर पर ऋण देगा। खाद, बीज, मशीनरी की सामूहिक खरीदी भी इसी तरह कम कीमत पर की जा सकती है। सामूहिक खरीदी का फायदा प्रत्येक किसान को मिलता है। संभागायुक्त ने कृषि के उत्पादन, मार्केटिंग से लेकर वैश्विक बाजार की स्थिति को सरल शब्दों में रोचक तरीके से समझाया।
मध्यभारत कंसोर्टियम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री योगेश द्विवेदी ने बताया कि नई उभरती बाजार व्यवस्था जैसे- ई-बाजार, ऑनलाइन मार्केट तथा अन्य उभरते बाजार विकल्पों से जोड़ते हुए कृषि उपज विपणन के दौरान होने वाले नुकसान को कम करना तथा किसानों को अधिक लाभ दिलाना हमारा उद्देश्य है। आगामी तीन सालों में राज्य के सभी जिलों से 10 लाख से ज्यादा किसान इस व्यवस्था से जोड़े जायेंगे। अभी 68 किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से 43 जिलों के ढाई लाख किसानों के साथ कृषि व्यवसाय को बढ़ाने का काम किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में प्रदेश के 32 जिलों से आये लघु कृषक उत्पादक संगठनों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।