जल्लीकट्टू : जब प्रदर्शनकारी गाने लगे राष्ट्रगान
तमिलनाडु में जलीकट्टू पर लगी रोक हटाने के लिए अध्यादेश लाने के बाद भी लोगों का प्रदर्शन जारी है. चेन्नई की मरीना बीच पर पिछले 6-7 दिनों से जुटे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने सोमवार सुबह वहां से जबरन हटा दिया. पुलिस ने पहले उन्हें प्रदर्शन खत्म करने के लिए समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वे नहीं मानें, तो पुलिस को बल का इस्तेमाल करना पड़ा. लाठीचार्ज में काई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं. पुलिसकर्मी यहां जब इन प्रदर्शनकारियों को हटा रहे थे, तब वे लोग राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' गाने लगे. लाठीचार्ज के बाद पूरा इलाका खाली करा लिया गया है. चेन्नई के अलावा मदुरै, कोयंबटूर और त्रिची से भी प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाया जा रहा है.
पुलिस ने इस दौरान मरीना बीच को जाने वाले तमाम रास्ते बंद कर दिए, वहीं लोगों को इलाके के पास-पास इकट्ठा नहीं होने दिया जा रहा है. पुलिस के रूख को लेकर लोगों में खासी नाराजगी है, उनका कहना है कि वे इसी देश के हिस्सा हैं, उनके साथ पुलिस गलत व्यवहार कर रही है.
दरअसल जलीकट्टू को लेकर राज्य में जारी व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने एक अध्यादेश पारित कर सांडों को काबू करने से जुड़े इस पारंपरिक तमिल खेल की इजाजत दे दी थी, लेकिन ये प्रदर्शनकारी इस पर स्थायी समाधान की मांग को लेकर अब भी डटे थे. उनका कहना था कि ये अध्यादेश तो छह महीने बाद निरस्त हो जाएगा, इसलिए सरकार इस पर एक स्थाई कानून बनाए.
वहीं पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि अध्यादेश छह महीने बाद निरस्त होने की बात गलत है, हकीकत यही है कि इस अध्यादेश के बाद अब इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा. आपका लक्ष्य अब पूरा हो चुका है, इसलिए अपना विरोध प्रदर्शन खत्म कर मरीना बीच खाली करें.
हालांकि ये प्रदेशनकारी मरीना बीच छोड़ने को तैयार नहीं थे और उन्होंने पुलिस से दोपहर तक का वक्त मांगा. उनका कहना था कि वह पुलिस पर पूरा भरोसा करते हैं, लेकिन उन्हें अध्यादेश के बारे में चर्चा के लिए थोड़ा वक्त चाहिए.
आपको बता दें कि इस पारंपरिक खेल पर पिछले तीन साल से बैन लगा हुआ था. हालांकि लोगों की भावना को देखते हुए तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव ने शनिवार को जलीकट्टू पर अध्यादेश को मंजूरी देते हुए अंतत: बैन हटा लिया गया.