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‘विकसित खेती खुशहाल किसान’ किसानों के लाभ की योजनाएं


उज्जैन |  पिछले एक दशक में कृषि विकास और किसानों के हित में राज्य शासन की योजनाओं ने ऐसा वातावरण निर्मित किया है, जिसने सालों से नुकसान के बोझ से खेती छोड़ रहे किसानों को उत्साह से भर दिया है। आज कृषि क्षेत्र पिछले चार वर्ष से 20 प्रतिशत से अधिक की दर से विकास कर रहा है, जो पूरे विश्व में सर्वाधिक आंकी गई है।

    कुल कृषि उत्पादन में 98 प्रतिशत और खाद्यान्न उत्पादन में 142 प्रतिशत की बढ़ोत्री दर्ज करते हुए हमने लगातार चार वर्ष से राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त किये हैं। किसानों को नई तकनीकों की जानकारी देने के लिये किसान कॉल सेन्टर जैसी आधुनिक सेवाएं आरम्भ करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है।

सबसे ऊंची कृषि विकास दर
    राज्य शासन की किसान हितैषी योजनाओं और किसानों की कड़ी मेहनत का फल है कि मध्य प्रदेश की औसत कृषि विकास दर पिछले चार सालों से 20 प्रतिशत बनी हुई है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। बीते दस सालों में कुल कृषि उत्पादन में 98 प्रतिशत और कुल खाद्यान्न उत्पादन में 142 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।

सिंचाई रकबे में 500 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि
    पिछले एक दशक में प्रदेश के सिंचाई क्षेत्र में 500 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि हुई है। साल 2004-05 में जहां सिंचित रकबा 7.5 लाख हेक्टेयर था, वह वर्ष 2015-16 में बढ़कर 37.50 लाख हेक्टेयर हो गया है। वर्ष 2018 तक इसे 50 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की नदी जोड़ो अवधारणा को साकार करते हुए नर्मदा-शिप्रा लिंक परियोजना पूरी कर ली गई है। 2287 करोड़ रूपये की नर्मदा-मालवा गंभीर नदी, नर्मदा-कालीसिंध और नर्मदा-पार्वती नदी जोड़ो परियोजना पर काम जारी है। प्रदेश की बलराम ताल योजना सिंचाई रकबा बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

लगातार चार कृषि कर्मण सम्मान
    राष्ट्रीय स्तर का प्रतिष्ठित कृषि कर्मण अवार्ड प्रदेश को लगातार चौथी बार मिला है। दलहन और तिलहन उत्पादन में हम पहले व खाद्यान्न फसलों में दूसरे स्थान पर हैं। उन्नत कृषि पद्धति से उत्पादन बढ़ाने के लिये भारत सरकार और चेम्बर ऑफ कॉमर्स सम्मान और सर्वश्रेष्ठ कृषि राज्य श्रेणी में साल 2012 का एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड भी प्रदेश को मिला है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
    यह योजना प्राकृतिक आपदाओं, कीड़े और रोगों से किसी भी फसल के नष्ट होने की स्थिति में किसानों को बीमा कव्हरेज देने के उद्देश्य से साल 2016 में शुरू की गई है। किसान इंटरनेट पर फसल बीमा पोर्टल www.agri-insurance.gov.in पर पूरी जानकारी ले सकते हैं।

शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को ऋण
    मध्य प्रदेश शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर सहकारी ऋण मुहैया कराने वाला देश का पहला राज्य है। यह योजना राज्य सरकार की किसानों को एक खास मदद है, जिसमें खाद, बीज और दूसरी जरूरी सामग्री खरीदने के लिये शून्य प्रतिशत ब्याज की दर से सहकारी ऋण दिया जाता है। वहीं वर्ष 2003-04 में यह ऋण 16 प्रतिशत ब्याज पर दिया जाता था। साल 2014-15 में 34 लाख किसानों को 13 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा के ऋण दिये गये हैं, जबकि वर्ष 2003-04 में केवल 273 करोड़ रूपये के ऋण दिये गये थे।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना
    किसानों को आसानी से ऋण मिल सके, इस उद्देश्य से राज्य सरकार ने यह योजना लागू की है। साल 2015-16 में 52 लाख 62 हजार किसानों को क्रेडिट कार्ड दिये गये। वहीं साल 2005-06 में सिर्फ 26 लाख 52 हजार किसानों को क्रेडिट कार्ड मिले। किसान क्रेडिट कार्ड की पूरी जानकारी के लिये अपने क्षेत्र की सहकारी समिति से सम्पर्क करें।

मुख्यमंत्री कृषि सहकारी ऋण सहायता योजना
    साल 2015-16 के रबी मौसम से लागू इस योजना का मकसद खेती की लागत को कम करते हुए किसानों की आमदनी बढ़ाना है। योजना में किसानों को ऋण वापस करने में 10 प्रतिशत की छूट दी जाती है, यानी 100 रूपये के कर्ज पर 90 रूपये वापस देने होते हैं। किसान जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक तथा अपेक्स बैंक से सम्पर्क कर सकते हैं।

किसान कॉल सेन्टर
    किसान कॉल सेन्टर और सामुदायिक रेडियो जैसे आधुनिक सेवाएं किसानों के लिये शुरू करने वाला मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य है। इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किसानों को नई तकनीक की जानकारी हिन्दी में देने के लिये यह सेवा शुरू की गई है।

जैविक खेती प्रोत्साहन योजना
    जैविक उत्पादों की मांग बाजार में निरन्तर बढ़ रही है। जैविक प्रोत्साहन योजना से किसानों को अनुदान सहायता दी जाती है, ताकि जैविक खेती की ओर उनका रूझान बढ़े और फसलों की अधिक कीमत से आमदनी बढ़े।

मिट्टी परीक्षण कार्यक्रम
    मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट एक अत्यन्त महत्वपूर्ण जानकारी है, जिसका असर फसल उत्पादन से जुड़ा हुआ है। प्रदेश के सभी जिलों में कुल 75 प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें मिट्टी के जरूरी तत्वों की जांच की जाती है। अभी तक लगभग 18 लाख किसानों को सॉईल हेल्थ कार्ड दिये गये हैं।

डीजल विद्युत पम्प योजना
    सभी किसानों को पांच से दस हॉर्स पावर के डीजल/विद्युत पम्प के लिये लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत या 10 हजार रूपये, जो भी कम हो, अनुदान दिया जाता है। यह योजना पूरे प्रदेश में लागू है।

हैण्ड पम्प अनुदान
    सामान्य श्रेणी के सभी किसानों को नलकूप खोदने के लिये लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत या 25 हजार रूपये, जो भी कम हो, अनुदान दिया जाता है। खुदाई सफल होने पर नलकूप लगाने के लिये 15 हजार रूपये लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। अधिक जानकारी के लिये किसान जिला कृषि कार्यालय या कृषि विकास अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं।

फ्लेट रेट पर विद्युत प्रदाय योजना
    किसानों को कृषि पम्प के लिये फ्लेट रेट पर 1400 रूपये प्रति हॉर्स पॉवर की दर से दो छहमाही किश्तों में सालाना बिल की राशि ली जाती है। योजना में किसानों को दो समान किश्तों में नियामक आयोग द्वारा लागू विद्युत दर का मात्र लगभग पांचवा हिस्सा जमा करना होता है।

स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना
    किसानों को स्थाई पम्प कनेक्शन में लगने वाली सामग्री पर डेढ़ लाख रूपये तक की राशि में से दो हेक्टेयर तक जमीन वाले किसानों को सिर्फ छह हजार 500 रूपये प्रति हॉर्स पॉवर की राशि देना होती है। बाकी राज्य शासन द्वारा अनुदान के रूप में विद्युत वितरण कंपनियों को दिया जाता है।

मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना
    उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से जिन इलाकों में बिजली नहीं है, वहां सिंचाई के लिये यह योजना लागू की गई है। प्रदेश के सुदूर ग्रामीण इलाकों में दो हजार 613 सोलर पम्पों की स्थापना की जा चुकी है। इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिये किसान कॉल सेन्टर से सम्पर्क किया जा सकता है।

अन्नपूर्णा योजना
    अनुसूचित जाति और जनजाति के छोटे और सीमान्त किसान, जो कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण प्राय: अनाज फसलों की उन्नत किस्मों के बीज खरीदने में असमर्थ होते हैं, उन्हें उन्नत बीज उपलब्ध कराना अन्नपूर्णा योजना का उद्देश्य है। इसमें बीज के बदले उन्नत एवं संकर बीज देने के अलावा किसानों के खेत पर बीज उत्पादन कराया जाता है। पिछले 11 सालों में 16 लाख 23 हजार 620 किसानों को इस योजना का लाभ दिया गया।

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