करोहन में एन.एस.एस. का विशेष शिविर सम्पन्न
उज्जैन/ उज्जैन। भारत सरकार युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा प्रदत्त थीम ‘‘स्वास्थ्य, जनस्वच्छता एवं व्यक्तिगत स्वास्थ्य’’ पर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग एवं विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के निर्देशानुसार राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन ग्राम करोहन में 12 जनवरी से 18 जनवरी 2017 तक हुआ। शिविर के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सिंहस्थ मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री दिवाकर नातु थे। अध्यक्षता संस्था प्राचार्य श्री भरत व्यास ने की। विशेष अतिथि एडव्होकेट श्री दिलीप भार्गव व ग्राम करोहन के सरपंच श्री अर्जुनसिंह राठौर थे।
अतिथियों ने कार्यक्रम के प्रारंभ में माँ सरस्वती व स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया। सरस्वती वंदना, स्वागत गीत व रा.से.यो. लक्ष्य गीत की प्रस्तुति छात्रा कविता सोलंकी ने दी। स्वयंसेवक संध्या विश्वकर्मा, कीर्ती जाटव, निशा जाटव, मुस्कान शेख, अभिषेक, अंकित बैरागी एवं पंकज कारपेंटर ने अतिथियों का रा.से.यो. बैज लगाकर स्वागत किया। सात दिवसीय शिविर का प्रतिवेदन कार्यक्रम अधिकारी श्री राजेश गंधरा ने प्रस्तुत किया। शिविर के अनुभव शिविरार्थी दानीश खान, हेमलता बामनिया, शिवेन्द्र पाड़लिया एवं मुस्कान जसोदिया ने सुनाए। मुख्य अतिथि श्री दिवाकर नातु ने संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में एन.एस.एस. के शिविरों की महत्वपूर्ण भूमिका है। शिविर में रह कर विद्यार्थी समय प्रबंधन, स्वावलंबन, वक्तव्य कला एवं अनुशासन का पाठ सीखते है। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य श्री भरत व्यास नंे कहा कि शिविर में विद्यार्थी समाजसेवा के कार्य करते हैं जिससे उनमें श्रम के प्रति निष्ठा बढ़ती है। शिविरों के माध्यम से विद्यार्थी सामाजिक परिवेश से परिचित होते हैं। इस अवसर पर शिविर संयोजक श्री ब्रजेश शर्मा व डाॅ. प्रदीप त्रिवेदी, व्याख्याता डाॅ. योगेन्द्र कोठारी, श्री प्रदीप पाराशर, वरिष्ठ स्वयंसेवक श्री दुर्गाशंकर सुर्यवंशी, श्री सुरेश भीमावद व मेहरान जाफरी ने भी संबोधित किया। अंत में अतिथियों ने शिविरार्थियांें कैम्प प्रमाण-पत्र प्रदान किए। कार्यक्रम का संचालन शिविरार्थी निलेश प्रजापत ने किया। अभार कार्यक्रम अधिकारी श्री अजय श्रीवास्तव ने माना।
सात दिवसीय शिविर में शिवरार्थियों ने ग्राम करोहन में सड़क का समतलीकरण, खेल मैदान, सम्पर्क मार्ग, नाली व सोख्ता गढ्ढे निर्माण आदि कार्य परियोजना अन्तर्गत किए। सम्पूर्ण ग्राम में स्वच्छता अभियान चलाया गया जिसमें पाॅलिथिन, गाजर घांस एवं खरपतवार, का उन्मुलन किया गया। साथ ही खुले में शौच नहीं जाने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया। पुरातत्व महत्व की वस्तुओं का सर्वेक्षण भी किया गया। शिविर में प्रतिदिन बौद्धिक सत्र आयोजित किए गए जिसमें रा.से.यो समन्वयक डाॅ. प्रशांत पुराणिक, जिला संगठक डाॅ. नृपेन्द्र मिश्र, पुरातत्ववेता डाॅ. रमण सोलंकी एवं शिक्षक श्री सुरेशचन्द्र नागर, ग्राम प्रमुख श्री भेरूसिंह राठौर, डाॅ. राधेश्याम वर्मा, डाॅ. बी.एल. शर्मा ने उपस्थित होकर शिविरार्थियों का मार्गदर्शन किया। शिविर आयोजन में सहयोग उपसरपंच श्री नारायण राठौर, सह सचिव श्री अनिल, श्री विष्णुप्रसाद शर्मा, गोविद मिश्रा, श्रीमती उर्मिला श्रीमाली, डाॅ. उमा शर्मा, श्रीमती सी.पी. व्यास, श्रीमती कविता कावड़कर, श्रीमती चंद्रभागा पाठक, श्रीमती अनिता गंधरा, सुश्री ऋतु शर्मा एवं श्रीमती वसुन्धरा व्यास ने दिया।