जिला पंचायत सीईओ तथा प्रकोष्ठ प्रभारी की लोकायुक्त में शिकायत
जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने पंचायत सचिवों के निलंबन और बहाली में भ्रष्टाचार के लगाए आरोप
उज्जैन। ग्राम पंचायत सचिवों को निलंबित किये जाने और पुनः बहाली के मामले में जिला पंचायत उपाध्यक्ष भरत पोरवाल ने जिला पंचायत सीईओ रूचिका चौहान तथा जिला पंचायत के पंचायत प्रकोष्ठ के प्रभारी अरूण नागर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है। पोरवाल ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, लोकायुक्त भोपाल तथा उज्जैन एसपी लोकायुक्त को लिखित में शिकायत कर मामले की जांच कर दोनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।
भरत पोरवाल ने शिकायत में कहा कि संज्ञान में आने के बाद जिले की ग्राम पंचायतों के सचिवों की शिकायत आने पर जिला पंचायत द्वारा जांच कराई गई। जांच उपरांत वित्तीय मामले पाये जाने पर जिला पंचायत सीईओ रूचिका चौहान एवं पंचायत प्रकोष्ठ शाखा के प्रभारी अरूण नागर द्वारा तत्काल प्रभाव से सचिवों को निलंबित किया गया व आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से भ्रष्टाचार करते हुए उक्त अधिकारियों द्वारा सचिवों को समय-समय पर बहाल किया गया। जबकि वित्तीय मामले में निलंबन की कार्यवाही के पश्चात एफआईआर दर्ज की जाना चाहिये थी लेकिन इन भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायतों के सचिवों को मानसिक प्रताड़ना देकर परेशान किया तथा उनको दबाव में नौकरी करने हेतु बाध्य होना पड़ा। पोरवाल ने कहा कि वित्तीय अनियमितता अकेला सचिव नहीं कर सकता क्योंकि उसके किये हुए कार्यों का मूल्यांकन उपयंत्री, सहायक इंजीनियर व कार्यपालन यंत्री द्वारा किया जाता है व कार्यों की मॉनीटरिंग जिला पंचायत के अधिकारियों द्वारा की जाती है। उसके पश्चात किये हुए कार्यों का भुगतान किया जाता है। पोरवाल ने कहा कि जिन सचिवों को निलंबित किया गया एवं बहाल किया गया उसकी जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त कर लोकायुक्त को शिकायत के साथ संलग्न की गई है। लोकायुक्त भोपाल तथा एसपी लोकायुक्त उज्जैन को शिकायत कर पोरवाल ने उक्त प्रकरण की जांच कर संबंधितों के विरूध्द प्रकरण दर्ज करने की मांग की।