अभा संत समिति की बैठक में पदाधिकारियों की घोषणा, संभागीय अध्यक्ष श्रीमहंत दिग्विजयदासजी और जिलाध्यक्ष श्रीमहंत रामेश्वरदासजी बने
उज्जैन। अखिल भारतीय संत समिति शाखा मप्र और प्रदेश पुजारी धर्म समाज की बैठक मक्सी रोड स्थित श्री 1008 जगदीश्वरदास त्यागीजी महाराज के आश्रम पर हुई। बैठक के बाद समिति के संभागीय और जिला पदाधिकारियों की घोषणा की गई।
संत समिति की बैठक की अध्यक्षता अभा संत समिति मप्र शाखा के अध्यक्ष महामंडलेश्वर सुरेंद्रगिरी महाराज ने की। महंत श्री रामेश्वरदास महाराज, महंत भगवानदास महाराज, पुजारी धर्म समाज अध्यक्ष पं. महेश पुजारी, प्रदेश महामंत्री राधे-राधे बाबा ने विचार रखे। बैठक के बाद उज्जैन संभाग और जिले के पदाधिकारियों की घोषणा की गई। मठ मंदिर समिति के राधे-राधे बाबा ने घोषणा करते हुए बताया कि उज्जैन संभाग के संरक्षक श्रीमहंत डॉ. रामेश्वरदास, श्रीमहंत भगवानदास, श्रीमहंत अर्जुनदास, श्रीमहंत पीरनाथदास को बनाया गया। समिति में उज्जैन संभाग का अध्यक्ष पुनः श्रीमहंत दिग्विजयदास को घोषित किया गया। उपाध्यक्ष श्रीमहंत रामचंद्र दास, महंत बालकृष्ण दास, महामंत्री महामंडलेश्वर ज्ञानदास महाराज, सहमंत्री स्वामी महंत विद्याभारती, संगठन मंत्री श्रीमहंत अवधेशदास, प्रचार मंत्री श्रीमहंत रूपकिशोर दास को बनाया गया। उज्जैन जिले के अध्यक्ष श्रीमहंत रामेश्वरदास महाराज तरानावाले, महामंत्री श्रीमहंत काशीदास, उपाध्यक्ष हरिहरदास, सहमंत्री श्रीमहंत चेतनदास, संगठन मंत्री श्रीमहंत राघवेन्द्र दास, प्रचार मंत्री श्रीमहंत दिग्विजयदास, उपाध्यक्ष श्रीमहंत महेशदास बनाए गए। पुजारी धर्म समाज के संयोजक भगवान बापू, परामर्शदाता जितेन्द्रदास, उपाध्यक्ष सीताराम दास, गंगा प्रसाद, विनोद शास्त्री, ओमप्रकाश पालीवाल, आचार्य संतोष तिवारी, महामंत्री महेश शर्मा आलोट, सहमंत्री घनश्याम शर्मा, दामोदर दास, संगठन मंत्री महेश शर्मा, प्रचार मंत्री शिव शर्मा, प्रवक्ता गोपाल कृष्णा, सहमंत्री मनोहरलाल को बनाया गया।
गौमाता को करें राष्टकृ पशु घोषित
श्री द्वारकाधीश कुंड पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर योगीराज श्रीमहंत रामेश्वदासजी महाराज ने मीडिया से चर्चा में बताया कि जिलाध्यक्ष का जो दायित्व उन्हें दिया गया है उसका निर्वहन वह धर्म की रक्षा और गौरक्षा के लिए करेंगे। शिप्रा नदी प्रवाहमान और उज्जैन को धार्मिक नगरी घोषित किया जाना चाहिए। आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि जिस तरह एक दिन में नोटबंदी जैसा बड़ा फैसला लेने का साहस उन्होंने दिखाया है वैसे ही एक दिन में गौमाता को राष्टकृय पशु घोषित क्यों नहीं किया जा रहा।
नर्मदा यात्रा में प्रदेश के संतों की उपेक्षा
पत्रकारवार्ता में मठ मंदिर समिति के राधे-राधे बाबा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इन दिनों नर्मदा परिक्रमा यात्रा निकाली जा रही है। इसमें प्रदेश के संत-महंतों की उपेक्षा की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस धार्मिक यात्रा से स्थानीय संतों को दूर रखा गया है। इससे संतों में नाराजगी है। साथ ही 25 हजार मठ-मंदिरों के अधिग्रहण को लेकर भी आपत्ति जताई। वहीं शिप्रा के प्रवाहमान करने की बात भी उन्होंने कही।
श्रीमहंत रामेश्वदासजी महाराज