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इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसा थी आतंकवादी साजिश, हुआ बड़ा खुलासा !


पिछले साल 20 नवंबर को पुखराया (कानपुर) में इंदौर-पटना एक्सप्रेस का पटरी से उतरने के पीछे आतंकी हाथ था। करीब 150 मौतों की वजह बनी यह घटना पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की साजिश का नतीजा थी। इसका मास्टरमाइंड दुबई में बैठा नेपाली कारोबारी शम्शुल होदा था। यह दावा मंगलवार को मोतिहारी के एसपी जितेंद्र राणा ने किया। उनका दावा है कि पुलिस के हत्थे चढ़े मोती पासवान सहित तीन अपराधियों ने यह खुलासा किया। 

- शम्शुल होदा आईएसआई काे फंडिंग करता है। उसने नेपाल के बृजकिशोर गिरी उर्फ बाबा के जरिये साजिश रची। मोती ने पुलिस को बताया कि पुखराया के पास बम लगाकर उन लोगों ने पटरी उड़ा दी थी।
- इसके चलते पटना-इंदौर ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए। वारदात में मोती के साथ शम्शुल होदा का भतीजा जियाउल हक और एक अन्य व्यक्ति शामिल था।
- इनके साथ राकेश यादव, गजेंद्र यादव, बृजकिशोर गिरी व अन्य लोग पूर्वी चंपारण से गए थे। पूरे प्रकरण में अब तक आठ लोग पकड़े जा चुके हैं।
- पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन में भी इसी ग्रुप ने अक्टूबर में आईईडी लगाकर पैसेंजर ट्रेन उड़ाने की कोशिश की थी।
- मोती पासवान, मुकेश यादव व उमाशंकर पटेल घोड़ासहन से, जबकि बृजकिशोर गिरी, मुजाहिर अंसारी और शंभु गिरी को नेपाल से पकड़ा गया। जुबैर व जियाउल को दिल्ली से पकड़ा गया। वहीं, गजेंद्र शर्मा व राकेश यादव की तलाश जारी है।
ऐसे हुआ खुलासा : 6 लाख रु. की सुपारी लेकर भी ट्रैक नहीं उड़ाया, दो लोगों को मार डाला
- घोड़ासहन से 25 दिसंबर को अरुण राम व दीपक राम लापता हुए थे। पता चला कि नेपाल के जंगल में इनकी हत्या कर दी गई थी। संदेह के आधार पर मुजाहिर अंसारी को पकड़ा गया।
- उसने पुलिस को बताया कि घोड़ासहन के पास आईईडी से ट्रेन उड़ाने की साजिश थी। शम्शुल की इस साजिश में बृजकिशोर गिरी, शंभु गिरी उर्फ लड्डू और मुजाहिर शामिल थे।
- रेल ट्रैक उड़ाने के लिए शम्शुल ने अरुण और दीपक को 20-20 लाख, एक-एक स्कॉर्पियो देने का वादा किया था। शम्शुल ने दुबई से बृजकिशोर के जरिये पैसा भेजा था।
- दोनों ने ट्रैक पर विस्फोटक तो लगा दिया लेकिन आईईडी का तार नहीं जोड़ा। प्लान फेल होने पर पैसे नहीं लौटाए तो दोनों को मार दिया गया।

एनआईए की टीम पहुंची मोतिहारी
खुलासे के बाद कई खुफिया एजेंसी मोतिहारी पहुंच गई हैं। आईबी, एटीएस, स्पेशल ब्रांच, रॉ व एनआईए की टीम अलग-अलग पूछताछ में जुटी हैं। यूपी एटीएस भी देर रात मोतिहारी रवाना हो चुकी थी। पूछताछ में और कई खुलासे हो सकते हैं।

नेपाल बॉर्डर से हुई थी भटकल की गिरफ्तारी
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई पहले भी नेपाल के रास्ते घुसपैठ कराकर विध्वंसक गतिविधियों का प्रयास करती रही है। नेपाल बॉर्डर से ही ढाई साल पहले आतंकवादी यासीन भटकल और हड्डी पकड़े गए थे।

तत्कालीन एसपी विनय कुमार ने कई दिनों तक नेपाल में कैंप कर दोनों की गिरफ्तारी की थी।
माेती से पूरे मामले का खुलासा हुआ है। नेपाल में भी गिरफ्तारी हुई है। जांच जारी है।- जितेंद्र राणा, एसपी, मोतिहारी

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