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10 फरवरी को कृमि मुक्ति दिवस


उज्जैन | आगामी 10 फरवरी को कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया गया है। इस दिन जिले के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं सभी शासकीय, अशासकीय, मान्यता प्राप्त, अनुदान प्राप्त, आदिवासी शालाओं, केन्द्रीय शालाओं आदि में 01 वर्ष से 19 वर्ष की उम्र तक के समस्त बालक-बालिकाओं को कृमिनाशक दवा खिलाई जावेगी। यह दवा एल्बेंडाजोल की गोली के रूप में प्रदान की जायेगी। छोटे बच्चों को यह मीठी गोली चूरा करके चम्मच से दी जायेगी। इस दिन गोली खाने से वंचित रह गये बच्चों को 15 फरवरी को पुनः गोली खिलाई जायेगी।

    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.प्रदीप व्यास ने बताया कि कृमि पेट में पाया जाने वाला परजीवी है, जो संक्रमित बच्चे द्वारा खुले में शौच करने से मिट्टी में मिल जाता है तथा वहां विकसित होता है। जब इस प्रकार के वातावरण में कोई बच्चा खेलता है या नंगे पैर घूमता है तो कृमि उसके पैर में कटी-फटी जगह से शरीर में प्रवेश कर जाता है, साथ ही बच्चे द्वारा गन्दे हाथों से भोजन करने पर कृमि शरीर में प्रवेश कर जाता हैं।

    कृमि संक्रमण से बच्चे में खून की कमी, कुपोषण, भूख न लगना, कमजोरी, पेट में दर्द, उल्टी होना या दस्त लगना एवं वजन में कमी आना जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है। कृमिनाशक गोली खाने से बच्चे को खून की कमी में सुधार किया जा सकता है। साथ ही बच्चे का सम्पूर्ण शारीरिक व मानसिक विकास हो पाता है। यह गोली पूरी तरह से सुरक्षित है व आसानी से चबाने में आ जाती है। सभी अभिभावकों से अपील की गई है कि वे 10 फरवरी 2017 को कृमि मुक्ति दिवस पर अपने बच्चों को स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कृमि नाशक गोली (एल्बेंडाजोल) अवश्य खिलावें।

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