श्री शनिधाम ट्रस्ट का गरीबी उन्मूलन एवं वस्त्र वितरण अभियान
मध्य प्रदेश के महू में कंबल वितरण समारोह का आयोजन
परमहंस दाती महाराज के सानिध्य में समारोह का आयोजन
3000 से अधिक जरूरतमंदों को दिए गए कंबल
श्री शनिदेव कर्मफल के दाता हैं - परमहंस दाती महाराज
सेवाभावियों पर श्री शनिदेव की अनुकंपा बरसती है - परमहंस दाती महाराज
पीड़ित मानता की सेवा ही परमात्मा की पूजा - परमहंस दाती महाराज
राष्ट्र की सेवा सर्वोत्तम धर्म - परमहंस दाती महाराज
महू, मध्य प्रदेश। श्री सिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम पीठाधीश्वर सद्गुरु शनिचरणानुरागी श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर परमहंस दाती महाराज (स्वामी निजस्वरूपानंदपुरीजी) के पावन सानिध्य में वस्त्र वितरण समारोह के आयोजनों का सिलिसिला जारी है। महाराजश्री की प्रेरणा और श्री शनिधाम ट्रस्ट के प्रयासों से मध्य प्रदेश के कस्बा महू में भी 3000 से अधिक विधवाओं, बुजुर्गों, गरीबों, असहायों एवं निशक्तजनों को कंबल दिए गए। श्री शनिधाम ट्रस्ट के जनजागरण, गरीबी उन्मूलन एवं वस्त्र वितरण अभियान के अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से शहर के आजाद मैदान में आयोजित समारोह के दौरान दातीश्री ने सभी जरूरतमंदों को कंबल प्रदान किए। दातीश्री ने लाभार्थियों के साथ काफी वक्त बिताया और उनका हाल भी जाना। इससे पहले बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने परमहंस दाती महाराज का भव्य स्वागत भी किया। दातीश्री ने भी सभी का अभिनंदन स्वीकार किया और उन्हें आशीर्वाद दिया।
श्री शनिदेव कर्मफल के दाता हैं - परमहंस दाती महाराज
समारोह के संबोधित करते हुए परमहंस दाती महाराज ने कहा कि देवाधिदेव श्री शनिदेव शनिदेव का नाम सुनते ही लोग भयभीत हो जाते हैं। लोग डर जाते हैं। सहम जाते हैं। श्री शनिदेव के कोप तथा प्रतिकूल प्रभाव से कौन बचाएगा। परंतु मैं कहता हूं कि श्री शनिदेव से किसी को भयभीत होने की जरूरत नहीं। क्योंकि श्री शनिदेव मनुष्यों के शत्रु नहीं मित्र हैं। श्री शनिदेव क्रूर नहीं कल्याणकारी हैं। श्री शनिदेव मनुष्यों के भाग्य विधाता हैं। वे मनुष्यों के कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। दातीश्री ने कहा कि मेरे आराध्य न्यायप्रिय हैं, अपने भक्तों को भय से मुक्ति दिलाते हैं। श्री शनिदेव इस चराचर जगत में कर्मफल दाता हैं। इसलिए श्री शनिदेव मनुष्यों के कर्मों के आधार पर उनके भाग्य का फैसला करते हैं। दातीश्री ने कहा कि जो व्यक्ति निःस्वार्थ भाव से अपने माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा करता है, पत्नी के साथधर्मानुकूल आचरण करता है और राष्ट्र के प्रति सदैव वफादार रहता है, उसे श्री शनिदेव सर्वोच्च सत्ता प्रदान करते हैं।
पीड़ित मानता की सेवा ही परमात्मा की पूजा - परमहंस दाती महाराज
परमहंस दाती महाराज ने कहा कि पीड़ित मानता की सेवा ही सही मायने में परमात्मा की पूजा है। उन्होंने कहा कि वे अपने अराध्य देवाधिदेव की अनुकंपा से इस काम को पिछले 15 से भी अधिक वर्षों से करते आ रहे हैं। दातीश्री ने कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा के इस महायज्ञ को सफल बनाना हम सभी का दायित्व है। दीन-दुखियों में ही भगवान का निवास हैं, इसलिए हम सभी को इनकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। परमहंस दाती महाराज ने कहा कि सेवाभावियों पर श्री शनिदेव की अनुकंपा बरसती है।
शिक्षा मानव के जीवन निर्माण का आधार है - परमहंस दाती महाराज
बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा मानव के जीवन निर्माण का आधार है। शिक्षा ही सफलता की कुंजी है, जिससे विकास के सभी दरवाजे खोले जा सकते हैं। दातीश्री ने कहा कि उनकी प्रेरणा से श्री शनिधाम ट्रस्ट आज 1000 से भी अधिक अनाथ और बेसहारा बालक-बालिकाओं का न केवल लालन-पालन कर रहा है, बल्कि उन्हें उच्च एवं अत्याधुनिक शिक्षा प्रदान कर संस्कारवान, गुणवान और विद्वान बनाने की दिशा में भी कार्य कर रहा है। श्री शनिधाम ट्रस्ट गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली बेटियों के हाथ पीले करवाने में भी अहम भूमिका निभा रहा है। दाती कन्या योजना के तहत ट्रस्ट अबतक हजारों बेटियों की शादि में सहयोग कर चुका है और यह सिलसिला अनवरत जारी है। महाराजश्री ने इस अवसर पर देशवासियों से श्री शनिधाम ट्रस्ट के योग, ध्यान, ज्ञान, विज्ञान, राष्ट्र निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, कन्या भ्रूण संरक्षण, अन्न, जल व पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ-देश बचाओ अभियान से जुड़कर देश के विकास में योगदान देने का भी आह्वान किया।
राष्ट्र की सेवा सर्वोत्तम धर्म - परमहंस दाती महाराज
परमहंस दाती महाराज ने कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ भी नहीं होता, लिहाजा राष्ट्र की सेवा करना हर व्यक्ति का कर्तव्य होना चाहिए। हर धर्म और संप्रदाय के लोगों को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। जातिवाद, प्रांतवादऔर संप्रदायवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद की बात करनी चाहिए। सभी को देश हित में कार्य करना होगा, तभी यह देश विकसित और देशवासी खुशहाल होंगे। दातीश्री ने कहा कि कर्मठ बनकर ही जीवन-यापन की इच्छा बनीरहे,परमात्मा से मेरी यही प्रार्थना है। उन्होंने कहा कि अपने जीवन को इच्छारहित भाव से भारत माता के चरणों में अर्पित करना ही उनका परम साध्य है।
समारोह में इन्होंने भी सेवा कार्य किया
समारोह में श्रीमहंत श्रद्धापुरीजी महाराज, श्रीमहंत राधेश्यामपुरी जी महाराज, श्री आकाश विजयवर्गीय, केंट वोर्ड उपाध्यक्ष श्रीमती रचना विजयवर्गीय, श्री कैलाशचंद्र अग्रवाल, श्री जीतेंद्र वर्मा, श्री बंटी खंडेलवाल, श्री ओम सैनी, श्रीघनश्याम यादव, श्री नागेश चौहान, श्री सुखराम सेन, श्री राम चौरसिया, श्री राजेश वर्मा, श्री शंभू कौशल, श्रीमती अनुराधा जोशी, श्रीमती पदमा अग्रवाल, श्री राजेंद्र जाट, श्री राम सिंह, श्री हेमंत ठक्कर, श्री दिनेश पटेल, श्री मनोज पाटीदार, श्री मनोज ठाकुर, श्री प्रखर गुप्ता, श्री ईश्वर सेठ, शम्मी बानो, उमेश शर्मा, आशीष पाल, शशि यादव, भोला यादव, श्रवण पंडित और मोनू यादव समेत बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और अन्य गणमान्यों ने सेवा कार्य किया।