नि:शक्तजनों को उड़ने के लिये समूचा आकाश, शासन द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाएं
उज्जैन | नि:शक्तजन कल्याण हेतु म.प्र.शासन के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। प्रदेश स्तर पर आयोजित पंचायतों, बैठकों एवं ग्रामीण अंचलों के हितग्राहियों से संवाद के फलस्वरूप विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
स्पर्श अभियान
राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगों के समग्र पुनर्वास के लिये प्रदेश में स्पर्श अभियान सन 2011 में प्रारम्भ किया गया। अभियान का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों की पहचान एवं उनकी जरूरतों का आंकलन करना तथा उनकी जरूरतों की पूर्ति की स्थायी व्यवस्था करना है। अभियान के अन्तर्गत सर्वप्रथम दिव्यांगों का सर्वेक्षण कराया गया, जिसमें 8.10 लाख से अधिक दिव्यांग चिन्हांकित हुए। विभिन्न ग्रामीण और नगरीय निकायों में शिविरों का आयोजन कर चिकित्सक की अनुशंसा अनुसार नि:शक्तता प्रमाण-पत्र, कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण आदि उपलब्ध कराये गये। इसके अतिरिक्त शल्य क्रिया हेतु नि:शक्तों की पहचान कर कार्यवाही की गई। प्रदेश में दिव्यांगों के समग्र पुनर्वास के लिये विभिन्न नवीन योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं।
मानसिक रूप से अविकसित एवं बहुविकलांगों को सहायता
मध्य प्रदेश में 06 वर्ष से अधिक आयु के बहुविकलांग एवं मानसिक रूप से अविकसित दिव्यांग व्यक्तियों को 500 रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जा रही है। योजना में आय सीमा का कोई बन्धन नहीं है। योजना अन्तर्गत 57 हजार 699 हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं।
हेल्प लाइन सुविधा
दिव्यांगों की समस्या जानने और उनके मार्गदर्शन के लिये वर्ष 2008 से टोलफ्री दूरभाष हेल्पलाइन नम्बर 1800-233-4397 निरन्तर संचालित है, जिससे लगभग 01 लाख 76 हजार 978 से अधिक दिव्यांग लाभान्वित हुए हैं।
नि:शक्त विवाह प्रोत्साहन योजना
नि:शक्त विवाह प्रोत्साहन योजना में दम्पत्ति में से कोई एक के दिव्यांग होने पर 50 हजार रूपये एवं दोनों के दिव्यांग होने पर 01 लाख रूपये एकमुश्त प्रोत्साहन राशि एवं प्रशंसा पत्र देने का प्रावधान है। पात्रता हेतु दम्पत्ति आय कर दाता नहीं होना चाहिये। यदि दिव्यांग व्यक्ति मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अन्तर्गत सामूहिक विवाह करता है तो 25 हजार रूपये अतिरिक्त सहायता, सामग्री दिये जाने के प्रावधान भी हैं। योजना में वर्ष 2016-17 अगस्त तक नि:शक्त विवाह प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत 163 विवाह सम्पन्न कराये गये।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजना
भारत सरकार द्वारा दिव्यांगों को सहायता के लिये 01 अप्रैल 2009 से प्रदेश में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजना के नाम से इसकी शुरूआत हुई। योजना अन्तर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 18 वर्ष से 79 वर्ष आयु के दिव्यांग, जिनकी नि:शक्तता 80 प्रतिशत से अधिक है, उन्हें भारत सरकार की मद से 300 रूपये राशि प्रति हितग्राही प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है। योजना अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में अगस्त 2016 तक 01 लाख 16 हजार 301 दिव्यांग हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना
राज्य शासन द्वारा नवम्बर-2007 से राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के स्थान पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना प्रारम्भ की गई है। इस योजना के तहत 60 से 64 वर्ष के हितग्राहियों को 200 रूपये, 65 से 79 वर्ष के हितग्राहियों को 200 रूपये केन्द्रांश तथा 75 रूपये राज्यांश सम्मिलित कर 275 रूपये एवं 80 वर्ष से अधिक आयु के गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के हितग्राहियों को 500 रूपये मासिक पेंशन प्रदाय की जा रही है। योजना के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में अगस्त तक 15 लाख 18 हजार 432 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
मध्य प्रदेश में संचालित सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में प्रदेश के मूल निवासी, 60 वर्ष से अधिक आयु के निराश्रित वृद्ध, 18 से 39 वर्ष आयु की विधवा, 18 से 59 वर्ष आयु की परित्यक्त महिला एवं 6 वर्ष से अधिक आयु के दिव्यांग तथा जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे परिवार के हों, को 300 रूपये प्रति माह हितग्राही पेंशन प्रदाय की जाती है। योजना अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में अगस्त तक 6 लाख 52 हजार 288 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना अन्तर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली 40 से 79 वर्ष आयु समूह की विधवा पात्र महिलाओं को भारत सरकार के मद से 300 रूपये प्रतिमाह पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। योजनान्तर्गत वर्ष 2016-17 में अगस्त तक 9 लाख 52 हजार 899 विधवा महिलाओं को लाभान्वित किया गया।
मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना
ऐसे माता-पिता को, जिनके सन्तान केवल कन्या ही है और उन्हें कन्या विवाह के उपरान्त वृद्धावस्था में अकेला रहना पड़ता है। राज्य सरकार ने ऐसे दम्पत्ति जिसमें पति/पत्नी में से किसी भी एक की आयु 60 वर्ष या इससे अधिक हो एवं जिनकी जीवित सन्तान केवल कन्याएं हैं (जीवित पुत्र नहीं है) तथा हितग्राही आय कर दाता न हो, को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना 01 अप्रैल 2013 से प्रारम्भ की गई है। योजना में दम्पत्ति को 500 रूपये प्रतिमाह पेंशन दी जाती है। योजना अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में अगस्त तक 35 हजार 139 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है।
राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना
राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना का मूल उद्देश्य गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के कमाऊ सदस्य स्त्री-पुरूष, जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक एवं 59 वर्ष से कम है, की मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को एकमुश्त सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अन्तर्गत परिवार के कमाऊ सदस्य की प्राकृतिक अथवा अप्राकृतिक रूप से मृत्यु होने पर 20 हजार रूपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। प्रदेश में योजना अन्तर्गत वर्ष 2015-16 में 36 हजार 252 तथा वर्ष 2016-17 में अगस्त तक 17 हजार 61 पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
निरामय स्वास्थ्य बीमा योजना
आटिज्म (Autism), सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy), मेन्टल रिटारडेशन (Mental Retardation), मल्टीपल डिसेब्लिटीस (Multiple Disabilties) के नि:शक्तजनों हेतु निरामय स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसमें 01 लाख रूपये के बीमा की सुविधा है। प्रदेश के 55 हजार 731 बहुविकलांग नि:शक्तजनों के निरामय बीमा योजना हेतु कार्यवाही की जाकर निरामय स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है।