सेबी ने किए नियमों में बदलाव, निवेश में छूट देने का किया निर्णय
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने कई सुधारवादी कदम उठाते हुए म्यूचुअल फंडों को रीयल एस्टेट निवेश न्यासों (रेइट) और बुनियादी ढांचा निवेश न्यासों (इनविट) में निवेश की छूट देने का निर्णय किया और ब्रोकर शुल्क घटाने की ब्रोकरों की लम्बे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए इस शुल्क को प्रति एक करोड़ रुपए के कारोबार पर 20 रुपए से 25 प्रतिशत घटाकर 15 रुपए कर दिया।
बाजार नियामक बाजार बिचौलिया का काम करने वाली विभिन्न प्रकार की इकाइयों पर लागू शुल्कों को संशोधित करने की योजना के तहत यह निर्णय किया है। सेबी के निदेशक मंडल की शनिवार को यहां हुई बैठक में सभी बाजार बिचौलिया फर्मों और कंपनियों को सेबी को किए जाने वाले सभी नियामकीय भुगतान डिजिटल माध्यम से करने की छूट देने का भी निर्णय किया है।
बैठक के बाद जारी विज्ञप्ति के अनुसार सेबी बोर्ड ने इसके अलावा कंपनियों के ढाचें संबंधी योजना के मसौदे को दाखिल करने पर शुल्क और कुछ नियमों में ढील की अर्जी पर प्रसंस्करण सहित कुछ नए शुल्क लगाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सेबी के ‘आय और व्यय के बारे में अगले तीन वर्ष के अनुमानों को ध्यान में रखते हुए’ बोर्ड ने ब्रोकरों पर प्रति एक करोड़ रुपए के कारोबार पर 20 रुपए की दर से लागू शुल्क को 25 प्रतिशत कम कर 15 रुपए कर दिया है।’ ब्रोकर इस शुल्क में कमी की बहुत समय से मांग कर रहे थे