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पटना में मकर संक्रांति पर पतंगोत्सव में हुआ बड़ा हादसा, गंगा में नाव पलटने से 27 की मौत


पटना के गंगा दियारा से पतंगोत्सव मना लौट रहे 70 लोगों से भरी एक नाव गंगा में समा गई। इस हादसे के बाद 22 लोगों के शव शनिवार शाम तक गंगा से निकाल लिए गए थे लेकिन 22 लोग लापता थे। रविवार सुबह एनडीआएफ टीम ने शवों को निकालने का अभियान दोबारा से शुरू किया। रविवार सुबह अब तक एनडीआरएफ की टीम ने 5 शव को बाहर निकाले, जिसके बाद मरने वालों की संख्या 27 हो गई है। वहीं प्रधानमंत्री ने इस हादसे में मरने वाले लोगों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है।  पीएम ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार देने की घोषणा। आपको बता दें कि शनिवार को मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर पर्यटन विकास निगम की ओर से गंगा दियारा में पतंगोत्सव की आयोजन किया गया था। जिसमें हजारों की तादाद में लोग पतंगोत्सव देखने गए थे।

शनिवार शाम करीब पौने छह बजे प्राइवेट नाव सबलपुर दियारा से एनआईटी घाट के लिए खुली। उस नाव की क्षमता 20 लोगों की थी लेकिन उस नाव में 70 लोग सवार हो गए। नाव करीब 15 से 20 मीटर ही आगे बढ़ी थी कि नाव मोटर अचानक बंद हो गई और नाव डूबने लगी। नाव को डूबता देख उसमें सवार लोगों में अफरातफरी मच गई। कुछ लोगों ने तैरकर अपनी जान बचा ली लेकिन 22 लोग अपनी जान नहीं बचा पाए और करीब 20 लोग अभी भी लापता है। मृतकों में 15 की पहचान हो गई है जबकि सात शवों की शिनाख्त अभी तक नहीं हुई है।

क्षमता से ज्यादा लोग थे सवार
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो नाव पर क्षमता से काफी ज्यादा लोगों के सवार होने से यह हादसा हुआ। नाव जैसे ही किनारे से 15 मीटर आगे बढ़ी ज्यादा वजन होने के कारण गंगा की धारा में बैठ गई। कुछ लोगों का कहना था कि एक छेद था, जिसके कारण नाव में अचानक पानी भरने लगा।

घटना के बाद कोहराम मच गया और पीछे से आ रही नाव पर बैठे लोग चिल्लाने लगे। लोगों ने नाव पर से ही अधिकारियों को फोन लगाना शुरू किया। गंगा घाट पर चीत्कार मच गया और लॉ कॉलेज घाट पर खड़े लोग चिल्लाने लगे। सुरक्षा की कोई व्यवस्था न देखकर लोग प्रशासन को कोस रहे थे।

रात 10 बजे तक चला राहत कार्य
शाम साढ़े पांच बजे एक प्राइवेट नाव सबलपुर दियारा से एनआईटी घाट के लिए खुली। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इसमें करीब 70 लोग सवार थे। नाव करीब 15 मीटर ही आगे बढ़ी थी कि उसका मोटर बंद हो गया और नाव अचानक डूबने लगी। अफरातफरी में कई लोग नाव से कूद गए। तब तक नाव पूरी तरह डूब गई। 19 लोग तैरकर बाहर निकले। इन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। रात 10 बजे तक गंगा नदी से 22 शव निकाले जा चुके थे। रविवार सुबह 6 बजे से बाकी लापता लोगों की तलाश की जाएगी। पटना एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि नाविक और दियारा में लगे डिजनीलैंड के संचालक के खिलाफ सोनपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। जो नाव डूबी उसके नाविक मोना की तलाश की जा रही है।

निरस्त किया गया पतंगोत्सव
घटना से पहले प्रशासनिक तैयारियों में कमी के कारण चार दिवसीय पतंगोत्सव को एक दिन में ही निरस्त कर दिया गया। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के एमडी उमाशंकर प्रसाद ने बताया कि रविवार से कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है। साल 2012 में शुरू हुए पतंग उत्सव को पहली बार एक दिन में ही निरस्त करना पड़ा है।

घटनाक्रम-
05:40 बजे शनिवार शाम गंगा सबलपुर दियारा से नाव खुली। नाव पर लगभग 70 लोग सवार थे।
05:45 बजे नाव के करीब 25 मीटर दूर पहुंची। नाव डगमगाने लगी। नाव वाले ने संभालने की कोशिश में लगा।
05:45 बजे अचानक नाव का मोटर बंद हो गया। नाव डूब गई। कुछ लोग तैरकर बाहर निकले।
06:15 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू।
06:39 बजे डीएम और एसपी एनआईटी घाट पर पहुंचे।

बिहार के सीएम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर शोक जताय
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाव हादसे पर दुख जताते हुए अधिकारियों को इस हादसे की जांच करने का आदेश दिया है। नाव हादसे की जानकारी मिलते ही राज्य आपदा प्रबंधन बल-एसडीआरएफ घटनास्थल पर पहुंच गई है। जिलाधिकारी सहित शासन-प्रशासन के अधिकारी भी वहां पहुंच चुके हैं। डीएम के अनुसार हादसे में शाम सात बजे तक एक की मौत हुई है।

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