मुलायम सिंह ने अखिलेश को पार्टी से निकाला, अनुशासनहीनता का लगाया आरोप, अखिलेश समर्थकों में भारी रोष
यूपी की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में सियासी घमासान लगातार जारी है. सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने राज्य संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है, जिसके बाद वह पार्टी के विधायकों और चुनाव उम्मीदवारों के साथ बैठक करेंगे. वहीं सपा से निकाले जाने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अपने समर्थक विधायकों के साथ मीटिंग कर रहे हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि अखिलेश इस बैठक में सपा का दामन छोड़ अपनी अलग पार्टी बनाने का ऐलान कर सकते हैं.
अखिलेश के घर भीड़, मुलायम के पास सन्नाटा
अखिलेश यादव मीटिंग के लिए पहुंच गए हैं और बैठक में शामिल विधायकों से हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं. सीएम आवास पर चल रही इस बैठक के लिए अब तक 100 से ज्यादा विधायक पहुंचे हैं और यह संख्या अभी बढ़ने की उम्मीद है. इस बीच पार्टी प्रमुख मुलायम के बुलाए बैठक में शामिल होने शिवपाल यादव पार्टी दफ्तर पहुंचे, हालांकि यहां लगभग सन्नाटा सा पसरा है.
सपा में दो-फाड़ के बीच पिता-पुत्र की अलग-अलग बुलाई इस बैठक को शक्ति परिक्षण के तौर पर देखा जा रहा है और इन बैठकों में शामिल नेताओं की संख्या ही यूपी में आगे की राजनीतिक बिसात तय करेगी.
अखिलेश को कांग्रेस और आरएलडी का समर्थन
यहां अखिलेश अगर अपनी अलग पार्टी का ऐलान करते हैं, तो गेंद राज्यपाल के पाले में चली जाएगी कि वह विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए कहेंगे. अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस, आरएलडी और कुछ निर्दलीय विधायक सीएम अखिलेश यादव का समर्थन करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश और मुलायम की ओर से बुलाई गई विधायकों की बैठक पर कांग्रेस पैनी नजर रखेगी. कांग्रेस यह देखेगी कि अखिलेश के साथ कितने विधायक हैं.
राहुल, अखिलेश और जयंत की बनी तिकड़ी
अब सपा में मुलायम सिंह, कांग्रेस में सोनिया गांधी और आरएलडी में अजीत सिंह नहीं बल्कि अखिलेश, राहुल और जयंत फैसले ले रहे हैं. बताया जाता है कि तीनों आपस में संपर्क में हैं. राहुल और जयंत ने अखिलेश को सपोर्ट करने का भरोसा दिया है. जयंत ने राहुल से बात करने के बाद अखिलेश को संदेश दिया कि हम सब साथ हैं.
सपा के दंगल में अखिलेश-रामगोपाल चित
बता दें कि यूपी में तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम के तहत सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और अपने भाई रामगोपाल यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया. अखिलेश द्वारा उम्मीदवारों की अपनी लिस्ट जारी करने, तो वहीं रामगोपाल द्वारा पार्टी का सम्मेलन बुलाने पर मुलायम सिंह ने अनुशासनहीनता करार देते शुक्रवार को यह कार्रवाई की.
रामगोपाल यादव ने रविवार 1 जनवरी को लखनऊ स्थित आरएमएल लॉ यूनिवर्सिटी में सपा कार्यकर्ताओं की आपात बैठक बुलाई है. इस गुस्से सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ में आनन-फानन में बुलाए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रामगोपाल अखिलेश यादव को गुमराह कर उनका भविष्य खत्म कर रहे हैं. साथ ही मुलायम ने कहा कि रामगोपाल के बुलाए अधिवेशन में पार्टी नेताओं और मंत्रियों के शामिल होने को भी अनुशासनहीनता माना जाएगा.
अखिलेश ने जारी की थी अपनी अलग लिस्ट
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने गुरुवार को 235 उम्मीदवारों की अपनी अलग लिस्ट जारी कर दी थी, जिसके बाद शिवपाल यादव ने 68 और नाम घोषित कर 403 में से 393 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया. रामगोपाल का कहना है कि शिवपाल की अगुवाई में ऐसे तमाम नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है, जिनकी कोई जमीनी पकड़ नहीं है और चुनाव में उनकी जमानत तक नहीं बचेगी. इसी के खिलाफ आवाज उठाने से निष्कासन का ये गलत कदम उठाया गया है.
वहीं मुख्यमंत्री अखिलेश के करीबी सूत्रों से जो खबरें आ रही हैं, उससे पार्टी के टूट की खबरों को बल मिलता है. मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव ने कहा, 'हम ही असली समाजवादी पार्टी हैं. नेताजी अभी भी हमारे नेता हैं. मेरे पिताजी के करीबी लोग अपने फायदे के लिए उन्हें दिग्भ्रमित कर रहे हैं. हम पिछले पांच सालों के दौरान किए गए अपने कार्यों के आधार पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. लोग हमारे किए गए कामों के लिए हमें वोट करेंगे. हमने अब तक किसी के साथ गठबंधन का फैसला नहीं किया है.'