अरूणाचल की राजनीति में हलचल, पीपीए ने सीएम खाण्डू, डिप्टी सीएम सहित 5 एमएलए को किया पार्टी से निष्कासित
अरुणाचल प्रदेश में सियासी संकट पैदा हो गया है। सीएम पेमा खांडू, डिप्टी सीएम चोवना मे और 5 अन्य विधायकों को पीपीए (पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल) की प्राइमरी मेंबरशिप से सस्पेंड कर
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सस्पेंड होने वाले बाकी 5 विधायकों में जांबे ताशी (लुमला), पासांग दोर्जी सोना (मेचुका), चो तेवा मे (चोखाम), जिंग्नू नामचोम (नामसाई) और कामलुंग मोसांग (मियाओ) शामिल हैं।
- सीएम, डिप्टी सीएम और पांचों विधायकों को गुरुवार देर रात पार्टी से सस्पेंड किया गया।
- पीपीए के प्रेसिडेंट काफा बेंगिया ने अपने ऑर्डर में कहा, "पार्टी के कॉन्स्टिट्यूशन के मुताबिक मेरे पास इसके अधिकार हैं। स्टेट एग्जीक्यूटिव कमेटी की 20 दिसंबर को हुई मीटिंग में एक रेजोल्यूशन मंजूर किया गया था, जिसके तहत इन सभी को तुरंत अस्थाई तौर पर पार्टी की प्राइमरी मेंबरशिप से सस्पेंड किया जाता है।"
खांडू अब पीपीए विधायक दल के नेता नहीं
- बेंगिया ने अपने ऑर्डर में कहा है, "पहली नजर में मैं विधायकों के खिलाफ पाए गए पार्टी विरोधी गतिविधियों के सबूतों से संतुष्ट हूं।"
- "पार्टी के इस कदम के बाद अब पेमा खांडू पीपीए विधायक दल के नेता नहीं हैं। लिहाजा, पार्टी के विधायक और अधिकारी खांडू की तरफ से बुलाई गई किसी भी मीटिंग में हिस्सा न लें।"
- "जो भी इस ऑर्डर को नहीं मानेगा, उसे डिसिप्लिनरी एक्शन का सामना करना पड़ेगा।"
- बेंगिया ने असेंबली स्पीकर टी नोर्बू को लेटर लिखकर कर यह रिक्वेस्ट किया है कि वे निलंबित विधायकों को हाउस का अनअटैच्ड मेंबर डिक्लेयर करें और वहां उनके बैठने का अलग अरेंजमेंट करें।
- बेंगिया ने स्पीकर से यह भी कहा है कि वह इस डेवलपमेंट के बारे में गवर्नर को भी बताएंगे।
APCC ने कहा- मध्यावधि चुनाव के आसार
- इस बीच, अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (APCC) के प्रेसिडेंट पाडी रिचो ने पार्टी वर्कर्स से मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा है।
- रिचो ने कहा, "पार्टी जनता के बीच जाने की योजना बना रही है। लोगों की राय के मुताबिक पार्टी कैडर्स ब्लॉक और डिस्ट्रिक्ट लेवल पर लोगों से बात करेंगे। इस तरह हम नोटबंदी के खिलाफ जन आंदोलन छेड़ेंगे।"
- उन्होंने पार्टी वर्कर्स से किसी भी तरीके के सियासी बदलाव के लिए तैयार रहने को कहा।
राज्य में एक साल से सियासी उठापटक
- पेमा खांडू महीनों तक चले सियासी उठापटक के बाद इसी साल 16 जुलाई को सीएम बने थे। वे देश के यंगेस्ट सीएम में से एक हैं। खांडू ने नबाम तुकी की जगह ली थी।
- तुकी की कांग्रेस सरकार इसी साल जनवरी में गिर गई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।
- बाद में 19 फरवरी को कालिखो पुल ने बीजेपी की मदद से थोड़े वक्त के लिए सरकार बनाई थी। इसके बाद कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के हक में फैसला दिया और विधायकों ने पेमा खांडू को नए सीएम के तौर पर चुन लिया। इसके बाद 9 अगस्त को कालिखो पुल ने खुदकुशी कर ली थी।
- कांग्रेस को दूसरा झटका सितंबर में लगा, जब सीएम पेमा खांडू और स्पीकर तेनजिंग समेत 41 विधायक पीपीए में शामिल हो गए।