नुकसान से परेशान PAK में भारतीय फिल्मों से बैन हटा, दंगल का बेसब्री से इंतजार
नई दिल्ली/ कराची. पाकिस्तान के फिल्म एक्जिबिटर्स एसोसिएशन ने भारतीय फिल्मों पर लगा बैन हटा लिया है। सोमवार से यहां भारतीय फिल्में फिर दिखाई जाएंगी। उड़ी हमले के कुछ दिनों बाद भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के काम करने पर बैन लगा था वहीं ,पाकिस्तान के थिएटर्स एसोसिएशन ने भी भारतीय फिल्मों की स्क्रीनिंग पर बैन लगा दिया था। पाकिस्तान दुनिया में भारतीय फिल्मों का तीसरा सबसे बड़ा मार्केट है। मीडिया और मार्केटिंग मैनेजर सबीना इस्लाम के मुताबिक, पाकिस्तान के सिनेप्लेक्स का 75 फीसदी रेवेन्यू भारतीय फिल्मों के जरिए ही हासिल होता है। आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ का यहां बेसब्री से इंतजार हो रहा है।
कौन सी फिल्म सबसे पहले दिखाई जाएगी...
- फिल्म एक्जिबिटर्स एसोसिएशन के चेयरमैन जोरेश लाशेरी ने कहा- संबंधित लोगों से बातचीत के बाद बॉलीवुड फिल्मों को फिर से दिखाने का फैसला लिया गया है।
- लाशेरी ने कहा, “बॉलीवुड फिल्मों के टेम्परेरी सस्पेंशन से सिनेमा ओनर्स और बाकी लोगों का काफी नुकसान हुआ। हमने सिनेप्लेक्स और मल्टीप्लेक्स को अपग्रेड करने पर काफी खर्च किया है। अब लेटेस्ट
भारतीय फिल्मों से मिलने वाले बिजनेस पर डिपेंड हैं।”
- बैन हटने के बाद जो फिल्म सबसे पहले दिखाई जाएगी वो नवाजुद्दीन सिद्दीकी की ‘फ्रेकी अली’ है।
अब बैन पर सफाई
- सिनेमा हाउस मालिकों ने कहा कि हमने भारतीय फिल्मों की स्क्रीनिंग को सिर्फ टेम्परेरी सस्पेंड किया था, उन पर पूरी तरह बैन नहीं लगाया था। सस्पेंशन के बाद जो फिल्में पाकिस्तानी दर्शक देख नहीं पाए हैं, उन्हें सबसे पहले स्क्रीन किया जाएगा।
- मंडीवाला एंटरटेनमेंट के डायरेक्टर आदिल मंडीवाला ने कहा- हमने सस्पेंशन खत्म करने का फैसला किया। हम चाहते हैं कि हम भारतीय सिनेमा को सपोर्ट करें और उनसे भी यही उम्मीद रखते हैं कि वो हमारी मदद करें।
IMPPA की तरफ से कोई पहल नहीं
- पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों पर से बैन भले ही हटा लिया गया हो लेकिन इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IMPPA) ने पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने पर लगे बैन को हटाने पर कुछ नहीं कहा है।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में आमिर खान की फिल्म दंगल का बेसब्री से इंतजार हो रहा है।
- हालांकि सिनेमा ओनर्स को डर है कि कुछ कट्टरपंथी पार्टियां उनके फैसले का विरोध कर सकती हैं। इसके लिए वो सरकार से सिक्युरिटी की मांग भी कर सकते हैं।