top header advertisement
Home - राष्ट्रीय << सरकार ने दिया एक और मौका, कराधान कानून नियम के अंतर्गत कर और जुर्माना चुका कर काराधान को वैध करें

सरकार ने दिया एक और मौका, कराधान कानून नियम के अंतर्गत कर और जुर्माना चुका कर काराधान को वैध करें


सरकार ने कालाधन रखने वालों को एक आखिरी मौका दिया है। इसके तहत वे नोटबंदी के बाद अमान्य नोटों के रूप में जमा कराई गई राशि पर 50 प्रतिशत कर, जुर्माना चुकाकर उसे वैध कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अगले साल मार्च आखिर तक का समय दिया गया है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि यह नई योजना (पीएमजीकेवाई) शनिवार से शुरू होगी जिसके तहत कर चोरी करने वालों को गोपनीयता व अभियोजन से छूट की पेशकश की गई है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा कराई गई राशि के बारे में यदि सरकार को जानकारी नहीं दी गई तो ऐसे लोगों को कड़े जुर्माना और अभियोजना का सामना करना पड़ सकता है।

सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की जिसके तहत 1000 व 500 रुपए के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया। इसके बाद बैंकों में बड़ी मात्रा में पुराने नोट जमा कराए जाने की खबरें आ रही हैं।

अधिया ने कहा कि नई घोषित योजना के तहत कालेधन की घोषणा नहीं कर बाद में आयकर रिटर्न में उसे आय के रूप में दिखाने पर कुल मिलाकर 77.25 प्रतिशत तक का जुर्माना व कर देना सकता है। यही नहीं, अगर किसी ने इस योजना के तहत व उसके बाद रिटर्न में भी इस तरह के धन का खुलासा नहीं किया तो कर पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त जुर्माना लगेगा तथा मुकदमा भी चलाया जाएगा।

यह घोषणा योजना कराधान नियम (दूसरा संशोधन) कानून, 2016 का हिस्सा है जिसे लोकसभा ने इसी महीने मंजूरी दी और राष्ट्रपति ने इस पर मुहर लगा दी है। अधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) 17 दिसबर को शुरू होगी और इसके तहत 31 मार्च 2017 तक घोषणाएं की जा सकेंगी।

उन्होंने कहा,‘कल से ज्यादातर बैंकों में पीएमजीकेवाई योजना का लाभ लेने हेतु कर जमा कराने का चालान उपलब्ध होगा। इसमें 50 प्रतिशत कर, जुर्माने का भुगतान तथा अघोषित राशि के 25 प्रतिशत हिस्से को चार साल के लिए अलग रखा जायेगा। इन्हीं शर्तों पर कोई व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सकेगा।’अधिया ने दोहराया कि केवल बैंकों में नकदी जमा करवाकर कालेधन को वैध नहीं किया जा सकता, कर तो चुकाना ही होगा।

योजना के तहत इस तरह के धन पर पहले कर चुकाने होंगे और कर भुगतान प्राप्ति के आधार पर ही योजना का लाभ लिया जा सकेगा। इस योजना के तहत खुलासे को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा और अघोषित राशि को वर्ष की आयकर रिटर्न में नहीं दिखाना होगा।
सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि कर विभाग की सभी संदिग्ध गतिविधियों पर निगाह है।

Leave a reply