टाटा सन्स का मिस्त्री पर आरोप: सायरस का फैमिली की कंपनियों पर ही रहा फोकस
नई दिल्ली. टाटा-मिस्त्री वॉर में करीब डेढ़ महीने से जारी आरोप-प्रत्यारोप के दौर में रविवार को टाटा सन्स ने मिस्त्री पर नया आरोप लगाया है। टाटा सन्स ने रविवार को कहा- मिस्त्री टाटा सन्स के चेयरमैन होते हुए भी अपने परिवार की कंपनी शापूरजी पलोनजी एंड कंपनी के हितों की ही सोचते रहे। ऐसा करने से ग्रुप को कई नुकसान झेलने पड़े। मिस्त्री ने टाटा ग्रुप में अपनी पावर पर तो मजबूती से ध्यान दिया लेकिन, ग्रुप का रिप्रेजेंटेशन कमजोर कर दिया।
फ्री हैंड मिलने का फायदा उठाया...
- टाटा सन्स ने कहा कि मिस्त्री ने ग्रुप में फ्री हैंड मिलने का फायदा उठाया और कंपनी के स्ट्रक्चर को लगतार कमजोर करते रहे।
- टाटा सन्स ने सायरस मिस्त्री के सलेक्शन पर भी सवाल उठाए। ग्रुप का आरोप है कि 2011 में मिस्त्री ने सलेक्शन कमेटी को ही गुमराह करते हुए ही चेयरमैन पोस्ट हासिल की थी।
- ग्रुप ने कहा- चेयरमैन बनने के बाद मिस्त्री ने टाटा ग्रुप को मजबूत बनाने के लिए बड़े-बड़े प्लान तो बनाए, लेकिन कभी उन्हें अमल में नहीं ला सके।
काबिलियत पर ही सवाल
- टाटा सन्स ने आगे कहा- मिस्त्री की कंपनी के प्रति जो जिम्मेदारियां थीं, उन पर वो खरे नहीं उतरे। इससे उनकी काबिलियत पर ही सवाल उठने शुरू हो गए।
- ग्रुप ने मिस्त्री पर आरोप लगाया कि वो अपनी विचारधारा से कंपनी को निजी झगड़ों की तरफ ले गए। उन्होंने कंपनी को ध्यान में रखकर कभी काम नहीं किया।
- टाटा सन्स ने कहा कि मिस्त्री के टेन्योर में लेबर कॉस्ट दोगुनी हो गई और टीसीएस को छोड़कर ग्रुप का मुनाफा लगातार गिरता चला गया।