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केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने जताई आशंका, हो सकता है काले धन को सफेद करने में चुनावी पार्टियों का इस्तेमाल, ऐसी पार्टियों को खोज नाम हटाऐगा निर्वाचन आयोग


हिन्दुस्तान दुनिया में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश कहलाता है, और यहां रजिस्टर की गई राजनैतिक पार्टियों की गिनती से भी यह साफ है, क्योंकि केंद्रीय निर्वाचन आयोग के मुताबिक भारत में रिकॉर्ड 1,900 राजनैतिक दल रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 400 से ज़्यादा ने तो कभी चुनाव लड़ा ही नहीं है, इसलिए मुमकिन है कि इन दलों का इस्तेमाल काले धन को सफेद बनाने के लिए किया जा रहा हो.

अंग्रेज़ी दैनिक 'टाइम्स ऑफ इंडिया' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय निर्वाचन आयुक्त नसीम ज़ैदी ने बताया है कि दुनियाभर में सबसे ज़्यादा रजिस्टर्ड राजनैतिक दलों वाले देश में काले धन को छिपाने के लिए ऐसी पार्टियों के इस्तेमाल की आशंका को खत्म करने की खातिर चुनाव आयोग ने ऐसी पार्टियों का नाम अपनी सूची से काटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

'टाइम्स ऑफ इंडिया' के अनुसार, नसीम ज़ैदी ने कहा, "इन पार्टियों के नाम सूची में से काट दिए जाने पर वे उस आयकर छूट पाने के अयोग्य हो जाएंगी, जो उन्हें राजनैतिक पार्टी होने के नाते मिलती है..."

उन्होने बताया कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन आयुक्तों से कहा गया है कि वे अपने पास रजिस्टर्ड उन सभी राजनैतिक पार्टियों की सूची भेजें, जिन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा है. राज्य आयोगों से इन पार्टियों द्वारा हासिल किए गए चंदे की जानकारी भी मांगी गई है.

समाचारपत्र के मुताबिक, नसीम ज़ैदी ने कहा कि रजिस्टर्ड पार्टियों की इस तरह छंटाई का काम हर साल किया जाएगा.

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