जनधन खातों से पैसा निकलने की सीमा हुई तय, न हो खातों का दुरूपयोग इसलिए आरबीआई ने उठाऐं ये कदम
भारतीय रिजर्व बैंक ने जनधन खातों से एक महीने में अधिकतम 10,000 रुपये तक निकालने की सीमा तय कर दी है. केंद्रीय बैंक ने यह कदम नोटबंदी के बाद ग्रामीणों के बैंक खाते में अवैध ढंग से अपना काला धन जमा कराने वालों से बचाने के लिए उठाया है.
हालांकि ज्यादा रुपयों की जरूरत होने पर बैंक को उचित दस्तावेजों को दिखा कर ग्रामीण अपने जनधन खाते से 10,000 रुपये से ज्यादा भी निकाल सकते हैं, लेकिन बैंकों को इन लेन-देन और इसके दस्तावेजों का रिकॉर्ड रखना होगा. रिजर्व बैंक ने साथ ही कहा है कि जमा राशि के मामले में जनधन खातों के लिए 50,000 रुपये की सीमा है.
रिजर्व बैंक की इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा गया है, 'प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) खाताधारक किसानों और ग्रामीणों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है. उनके खातों का मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने और इसके परिणामस्वरूप बेनामी संपत्ति लेनदेन एवं मनी लॉन्ड्रिंग कानून के कड़े प्रावधानों को देखते हुए एहतियात के तौर पर ऐसे खातों के संचालन पर कुछ सीमा लगाए जाने का फैसला किया गया है.' केंद्रीय बैंक ने कहा है कि फिलहाल ये उपाय अस्थाई तौर पर किए गए हैं.
अधिसूचना के अनुसार जिन जनधन खातों में अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) की सभी शर्तों का अनुपालन किया गया है, उनमें से हर महीने 10,000 रुपये तक और ऐसे जनधन खाते, जिनमें सीमित अथवा केवाईसी अनुपालन नहीं है उन खातों से महीने में 5,000 रुपये ही निकल सकेंगे.
इसमें कहा गया है, हालांकि बैंकों के शाखा प्रबंधक मौजूदा तय सीमाओं के दायरे में रहते हुए मामले की गंभीरता की जांच पड़ताल करने के बाद ऐसे खातों से महीने में दस हजार रुपये की अतिरिक्त निकासी की भी अनुमति दे सकते हैं.
आरबीआई ने यह कदम उन रिपोर्ट्स के बाद उठाया है, जिसमें बताया गया था कि कालेधन पर अंकुश के मकसद से 8 नंवबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट का चलन बंद किए जाने के बाद प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए खातों, जो अब तक बंद पड़े थे, में अचानक से काफी मात्रा में नकदी जमा हुई. कई राज्यों में आ रही खबरों में बताया गया कि हाल ही में खुले कई जनधन खातों में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों में भारी राशि जमा कराई गई.
मनी लॉन्ड्रिंग से बचने के लिए लिया फैसला
किसानों और ग्रामीण खाताधारकों के अकाउंट की सुरक्षा और उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग से बचाने के लिए आरबीआई ने ये नया फैसला लिया है.
सरकार को आशंका है कि कालाधन रखने वाले अपने अवैध धन को वैध बनाने के लिए किसानों और दूसरे लोगों के जनधन खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं. नोटबंदी के बाद पिछले केवल 14 दिन में ही जनधन खातों में 27,200 करोड़ रुपये की जमापूंजी आ गई. इन 25.68 करोड़ जनधन खातों में 23 नवंबर तक कुल जमा राशि 70,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करते हुए 72,834.72 करोड़ रुपये तक पहुंच गई.