नोटबंदी के फैसले को लेकर संसद में विपक्ष ने किया हंगामा, राज्यसभा-लोकसभा हुई स्थगित
नोटबंदी के मुद्दे को लेकर समूचा विपक्ष सरकार के खिलाफ लामबंद दिख रहा है. संसद से लेकर सड़क तक विपक्ष का तेवर आक्रामक दिख रहा है. गुरुवार को शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत भी हंगामेदार रही. विपक्ष ने हंगामा किया तो सरकार ने अपने फैसले का पूरा बचाव किया. राज्यसभा में टीएमसी, बीएसपी और कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा किया. वाल में घुसकर सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की गई. विपक्षी सांसद पीएम को बुलाने कि मांग कर रहे थे. उनकी मांग थी कि नोटबंदी पर पीएम जवाब दें.
सरकार नियम 193 के तहत चर्चा को तैयार
हंगामे के चलते राज्यसभा 11:30 तक स्थगित कर दी गई. केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा देश की जनता मोदी जी के साथ है और हम नियम 193 के तहत संसद में चर्चा को तैयार हैं. 11.30 बजे जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर हंगामे के चलते इसे 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. 12 फिर जब सदन की कार्यवाही स्थगित हुई तो विपक्ष ने चर्चा कराने की मांग के साथ हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद सभापति ने 2 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.
लोकसभा में कांग्रेस का हंगामा
लोकसभा में भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. कांग्रेस के सदस्य नोटबंदी के मामले पर नियम 56 के तहत चर्चा कराने की मांग कर रहे थे. विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही 12:30 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. 12.30 पर जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो जोरदार हंगामे को देखते हुए कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.
इस बीच, नोटबंदी के फैसले पर राज्यसभा में अपने बयान से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वरिष्ठ अधिकारियों और वित्त राज्य मंत्रियों के साथ बैठक की.
इससे पहले बुधवार को भी राज्यसभा में कांग्रेस, सीपीएम, सपा, बसपा समेत तमाम दलों ने नोटबंदी के बाद आम लोगों को रही दिक्कतों का मुद्दा उठाया. कांग्रेस के सांसद प्रमोद तिवारी ने तो नोटबंदी के फैसले के लिए पीएम मोदी की तुलना तानाशाहों से कर दी. हालांकि, सरकार ने साफ किया कि देश में काला धन खत्म करने के लिए ये कदम उठाया गया है और कई और कदम उठाए जा रहे हैं.
हिटलर से की पीएम मोदी की तुलना
कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी ने मंगलवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नोटबंदी को लेकर तंज कसा. उन्होंने कहा कि नोटबंदी का कारनामा पीएम मोदी से पहले हिटलर, मुसोलिनी और गद्दाफ़ी कर चुके हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि पीएम मोदी, मुसोलिनी और गद्दाफी की तरह काम कर रहे हैं.
सरकार को घेरने की तैयारी में कांग्रेस
नोटबंदी के मुद्दे पर कांग्रेस फैसले का विरोध करने से तो बच रही है, लेकिन संसद में आम जनता को हो रही परेशानी को मुद्दा बनाकर वो सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है. कांग्रेस अपने नेतृत्व में संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालना चाहती थी, लेकिन अपने नेतृत्व में. भला राष्ट्रीय पार्टी एक क्षेत्रीय पार्टी के पीछे कैसे खड़ी होती, इसलिए ममता के मार्च से कांग्रेस दूर रही.
कांग्रेस की रणनीति-
1. पीएम को चर्चा में मौजूद रहने और उसका जवाब देने की मांग की जाएगी. इस पर भी सरकार को घेरते हुए हंगामा होगा.
2. पीएम आए तो ठीक, नहीं आए तो भी नोटबंदी के मुद्दे को बड़ा घोटाला बताकर जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय समिति से इसकी जांच कराने की मांग पर अड़ जाएगी.
3. जैसे-जैसे इस मुद्दे पर लोगों की परेशानी बढ़ेगी, वैसे-वैसे कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपना रुख कड़ा करती जाएगी.
4. कांग्रेस नोटबंदी के फैसले का विरोध नहीं करेगी, लेकिन सरकार पर इस कदम के जरिए माल्या सरीखे अमीरों को फायदा पहुंचाने का इल्ज़ाम लगाएगी.
5. पार्टी बड़े पैमाने पर अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दे रही है कि जमीन पर लोगों की चाय, फॉर्म, पानी जैसी छोटी चीजों के जरिए मदद करें.
सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी ने भी अपने सांसदों से दो टूक कह दिया कि नोटबंदी के चलते लोगो को हो रही परेशानी के खिलाफ मज़बूती से लड़ें और सरकार की नौटंकी नहीं चलने दें.
6.सूत्र कहते हैं कि लोकसभा में इस मुद्दे पर कांग्रेस कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाएगी.
बसपा ने की जेपीसी जांच की मांग
बसपा प्रमुख मायावती ने नोटबंदी के फैसले की जेपीसी से जांच कराने की मांग की है वहीं कांग्रेस ने नोटबंदी के फैसले के पीछे सरकार पर घोटाले का आरोप लगा दिया. 500 और 1000 के नोट बंद करने के विरोध में विपक्षी दलों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला.
'किसान धोती में क्रेडिट कार्ड नहीं रखता'
इससे पहले कांग्रेस के आनंद शर्मा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी के इस फैसले से देश में कैश का संकट खड़ा हो गया है. खासकर छोटे दुकानदार, किसान और मजदूरों के लिए संकट बहुत बड़ा है. आनंद शर्मा ने कहा कि किसान धोती में क्रेडिट कार्ड नहीं रखता है. सरकार ने सभी को अपराधी बना दिया. भारत को कालाबाजारियों का देश बना दिया गया है.
गरीब का पेट 50 दिन इंतजार नहीं करेगा: शरद यादव
नोटबंदी के फैसले को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए जेडीयू के नेता शरद यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि 50 दिन में हालत सुधर जाएंगे. लेकिन गरीब के पास खाने को पैसे नहीं है गरीब का पेट 50 दिन तक इंतजार नहीं करेगा. शरद यादव ने कहा कि गांवों की एक बड़ी आबादी बैंकों से आज भी दूर है और उसके पास एटीएम नहीं है. उसका सारा कामकाज कैश पर चलता था लेकिन सरकार के इस फैसले ने सबको मुश्किल में ला दिया है. शरद यादव ने कहा कि कैश की ब्लैकमार्केंटिंग हो रही है. 1000 के नोट 700 में बिक रहे हैं.