सुप्रीम कोर्ट में आज होगी नोटबंदी के फैसले पर दायर याचिकाओं की सुनवाई
एक हजार और पांच सौ रपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के केंद्र सरकार के फैसले को रद्द करने की मांग वाली दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. याचिकाएं इस आधार पर दाखिल की गई हैं कि नोटबंदी का फैसला नागरिकों के जीवन और व्यापार समेत अन्य अधिकारों का उल्लंघन करता है.
दो वकीलों ने दायर की अलग-अलग याचिकाएं
केंद्र की तरफ से जाली मुद्रा और कालेधन को खत्म करने के उद्देश्य से लिए गए फैसले के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से अलग अलग जनहित याचिकाएं दाखिल करने वाले दो वकीलों ने दो पीठों के समक्ष अविलंब सुनवाई के लिए अपने मामले को रखा.
जनता का उत्पीड़न हो रहा है- याचिकाकर्ता
उन्होंने आरोप लगाया कि आकस्मिक फैसले ने उथल-पुथल मचा दी है और व्यापक रूप से जनता का उत्पीड़न हो रहा है और वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) की अधिसूचना को या तो रद्द किया जाए या कुछ समय के लिए टाला जाए.
केंद्र ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
इस तरह की याचिकाओं की संभावना को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. केंद्र ने एक कैवियट दाखिल कर कहा कि कोई भी अंतरिम आदेश जारी करने से पहले अदालत सरकार का पक्ष भी सुने.बंद करने का फैसला किया था. सरकार के इस फैसले के बाद से देशभर में उथल-पुथल का माहौल है. पिछले सात दिनों से बैंकों और तमाम एटीएम के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं. कुछ लोग मोदी सरकार के इस फैसले की सराहना कर रहे हैं तो कुछ लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. फैसले के बाद से अबतक देश के अलग-अलग इलाकों से कई लोगों की मौत की खबरें भी आई हैं.
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केंद्र के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ SC में दायर याचिकाओं पर सुनवाई आज
By: एबीपी न्यूज़ | Last Updated: Tuesday, 15 November 2016 10:48 AM
केंद्र के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ SC में दायर याचिकाओं पर सुनवाई आज
नई दिल्ली: एक हजार और पांच सौ रपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के केंद्र सरकार के फैसले को रद्द करने की मांग वाली दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. याचिकाएं इस आधार पर दाखिल की गई हैं कि नोटबंदी का फैसला नागरिकों के जीवन और व्यापार समेत अन्य अधिकारों का उल्लंघन करता है.
दो वकीलों ने दायर की अलग-अलग याचिकाएं
केंद्र की तरफ से जाली मुद्रा और कालेधन को खत्म करने के उद्देश्य से लिए गए फैसले के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से अलग अलग जनहित याचिकाएं दाखिल करने वाले दो वकीलों ने दो पीठों के समक्ष अविलंब सुनवाई के लिए अपने मामले को रखा.
जनता का उत्पीड़न हो रहा है- याचिकाकर्ता
उन्होंने आरोप लगाया कि आकस्मिक फैसले ने उथल-पुथल मचा दी है और व्यापक रूप से जनता का उत्पीड़न हो रहा है और वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) की अधिसूचना को या तो रद्द किया जाए या कुछ समय के लिए टाला जाए.
केंद्र ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
इस तरह की याचिकाओं की संभावना को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. केंद्र ने एक कैवियट दाखिल कर कहा कि कोई भी अंतरिम आदेश जारी करने से पहले अदालत सरकार का पक्ष भी सुने.
नोटबंदी के बाद से देशभर में मचा है बवाल
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और एक हजार के नोटों को बंद करने का फैसला किया था. सरकार के इस फैसले के बाद से देशभर में उथल-पुथल का माहौल है. पिछले सात दिनों से बैंकों और तमाम एटीएम के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं. कुछ लोग मोदी सरकार के इस फैसले की सराहना कर रहे हैं तो कुछ लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. फैसले के बाद से अबतक देश के अलग-अलग इलाकों से कई लोगों की मौत की खबरें भी आई हैं.