बड़े नोट बंद : मोदी जी का ऐतिहासिक क्रांतिकारी फैसला
संदीप कुलश्रेष्ठ
8 नवंबर की रात को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश में प्रचलित 500 रूपये और 1000 रूपये के नोट बंद करने का ऐलान किया। मोदी का यह एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी फैसला हैं। उनके इस एक ही निर्णय से भ्रष्टाचार , कालाधन और बड़ी मात्रा में देश में फैल रहे नकली नोटों के चलन पर कुठाराघात हुआ हैं। किसी को ये उम्मीद नहीं थी कि प्रधानमंत्री ऐसा क्रांतिकारी फैसला भी ले सकते हैं। किंतु उन्होंने देष के व्यापक हित में यह फैसला लिया। यह फैसला अत्यंत ही सराहनीय हैं।
देश में फैल रहे भ्रष्टाचार से हर कोई दुखी और लाचार था। भ्रष्टाचार में रूपयों का लेन देन हमेषा नकद बड़े नोटां 500 व 1000 के रूप में ही होता रहा हैं। एक बार बाबा रामदेव ने सुझाव दिया था कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए बड़े नोटों को बंद कर देना चाहिए। उनका कहना था कि यदि कोई लाखों करोड़ों में रिश्वत देगा तो उसे ऑटो भरकर या कार भर कर या ट्रक भरकर पैसा ले जाकर देना होगा। प्रधानमंत्री ने बड़े नोटों को बंद कर काफी हद तक देश में नासूर बन चुके भ्रष्टाचार पर लगाम कसी हैं।
देश में काला धन इतनी अधिक संख्या में है कि यह अर्थव्यवस्था में समानांतर रूप से चलता हैं। इस पर नकेल डाला जाना जरूरी था। प्रधानमंत्री ने पहले ही स्वेच्छा से काला धन प्रकट करने वालो को छूट दी थी तब उन्होंने कहा था कि दी गई अवधि में काला धन जो स्वैच्छा से उजागर नहीं करेगा, उन्हें बाद में पछताना पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने बडे नोट बंद कर एक झटके में काले धन को कागज का टुकड़ा बना दिया। प्रधानमंत्री के इस फैसले ने काले धन पर बिल्कुल सही लगाम कसी।
देश में पड़ोसी देश पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से देश में हर व्यक्ति दुखी रहता था। आतंकवाद फैलाने वाले बड़े नोट की मदद से लालच देकर व्यक्तियों को खरीदते थे और उन्हें आतंकवाद की ओर धकेलते थे। एक झटके में बडे नोट बंद करने से आंतकवाद की कमर तोड़ता हुआ यह एक सफल कदम हैं। कश्मीर के युवा पैसे के लालच में आतंकवाद की ओर कदम बढ़ाते रहे हैं। हाल ही में कश्मीर में सेना के जवानों व पुलिस पर युवकों द्वारा पत्थरबाजी करने की घटनाओं की पडताल करने पर यही पता चला था कि इन्हें बड़ी मात्रा में रूपयों का लालच दिया गया था। प्रधानमंत्री के इस ऐतिहासिक कदम से आतंकवाद को रोकने में निश्चित रूप से मदद मिलेगी।
पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेष से बड़ी मात्रा में देश में आने वाला नकली नोटों का चलन हाल ही में काफी मात्रा में बढ़ गया था। नकली नोट 500 और 1000 के रूप में ही बनाए जाते रहे हैं। ये बड़े नोट एकाएक बंद करने से देश में चल रहे नकली नोट कागज के रूप में बदल जाएंगे, क्योंकि बैंको में ही बड़े नोट जमा करने अथवा बदलने की सुविधा सरकार ने दे रखी हैं। और जब ये नकली नोट बैंको में जाएंगे तो वहां आसानी से पकड़ में आ जाएंगे। इसलिए कोई भी नकली नोट बैंकों में ले जाने की हिम्मत नहीं कर पाएगा। इस प्रकार जिनके पास भी नकली नोट हैं, वे कागज के टुकडे बन जाएंगे।
यह सब जानते हैं कि देश के भ्रष्टाचार का पैसा और कालाधन रियल एस्टेट में काफी मात्रा में लगाया जाता हैं। देश में बड़े नोटों के रूप मे ही कालाधन रहता हैं। राजनेता, उद्योगपति, व्यापारी , भ्रष्ट अधिकारी आदि अपना कालाधन रियल एस्टेट मे लगाते हैं, जिससे भूखंड और भवन की कीमत बढ़ जाती हैं। इस कारण सामान्यजन अपने घर का सपना साकार नहीं कर पाता हैं। बडे नोट बंद कर देने से रियल एस्टेट में आने वाला काला धन का प्रवाह रूक जाएगा। इससे लागत कम होगी और कम कीमत में मकान और भूखंड आम जन को मिल सकेंगे।
यह सर्व ज्ञात है कि हथियारों की तस्करी और जासूसी में लगे लोगों को मिलने वाली आर्थिक मदद बडे नोटों के बंद करने से, बंद होने की संभावना हैं। इससे उच्च् शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं भी आम लोगो ंकी पहुंच में आने की संभावना हैं। प्रधानमंत्री का यह ऐतिहासिक फैसला गरीबों और मध्यमवर्गो के लिए भी अप्रत्यक्ष रूप से लाभदायक सिद्ध होगा। प्रधानमंत्री का यह फैसला आमजन तक आसानी से पहुंचे और उन्हें किसी प्रकार की शंका नहीं रहे, इसके लिए आवश्यक है कि प्रचार-प्रसार के समस्त माध्यमों का भरपूर उपयोग कर सही सही जानकारी उन तक पहुंचाई जाए।
प्रधानमंत्री ने अपने ऐतिहासिक ऐलान में जिन लोगों के पास भी एक नंबर का पैसा 500 व 1000 के नोट के रूप में हैं। उन्हें बैंक में जमा करने और बदलने के लिए 30 दिसंबर 2016 तक 50 दिन का समय भी दिया । इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने देश की बड़ी अर्थव्यवस्था को संचालित करने के लिए 500 और 2000 के नए नोट जारी होने की भी जानकारी दी हैं। उन्होंने अपने फैसले की जानकारी देते हुए सामान्य जन के मन में आ रहे प्रश्नों का आसान उत्तर भी दिया है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में अत्यंत सरल भाषा में आमजन की समझ में आने वाली बोली में संबोधन दिया। उन्होंने बड़े नोट बंद होने से आने वाली संभावित समस्या का समाधान भी प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री का यह फैसला निश्चित रूप से ऐतिहासिक और क्रांतिकारी फैसला है, जिसके दूरगामी परिणाम होंगे।