चैबीस समवशरण की महापूजा हेतु हुआ पात्रों का चयन
उपाध्याय निर्भयसागरजी महाराज के सानिध्य में 10 नवंबर को होगी जैनेश्वरी दीक्षा एवं पिच्छी परिवर्तन
उज्जैन। उपाध्याय निर्भयसागरजी महाराज के सानिध्य में इतिहास में पहली बार 24 तीर्थंकरों के 24 समवशरण लगाकर चैबीस समवशरण की महापूजा अर्चना राष्ट्रीय स्तर पर 5 नवंबर से 14 नवंबर तक आयोजन की जाएगी। इसी बीच 10 नवंबर को जैनेश्वरी दीक्षा भी उपाध्यायश्री के करकमलों से प्रदान की जाएगी। इसी दिन संयमोपकरण पिच्छी का परिवर्तन समारोह भी होगा जिसमें देशभर से हजारों भक्त शामिल होंगे।
सकल दिगम्बर जैन समाज सामाजिक संसद, समस्त दिगंबर जैन मंदिरों के अध्यक्ष, ट्रस्टी एवं सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक उपाध्यायश्री के ससंघ सानिध्य में आयोजित की गई। जिसमें निर्णय लिये कि विधान की क्रिया विधि बाल ब्रह्मचारी सुनील भैय्या इंदौर वाले संपन्न करायेंगे। विधान में 24 चक्रवर्ती राजा, 24 महा राजा, 24 सौधर्म इंद्र, 24 महायज्ञनायक, 24 श्रावक श्रेष्ठी एवं कुबेर इंद्र बनाए जाएंगे। दिल्ली से विश्वविख्यात कंठस्थ कलाकार मनोज शर्मा अपनी टीम के साथ आएंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नाटिका दिखाई जाएगी। कार्यक्रम स्थल विनोद मिल परिसर स्थित जैन मंदिर में बैठक उपाध्यायश्री के सानिध्य में हुई जिसमें प्रमुख पात्रों में चक्रवर्ती सुगनचंद रूपेशकुमार विजयेन्द्र धर्मेन्द्र धीरेन्द्र सेठी, सौधर्म इंद्र इंदरमल जैन मंडी, कुबेर इंद्र सुभाष सिंघाई, ध्वजारोहणकर्ता दिनेशकुमार मनीष कुमार पंड्या, महायज्ञ नायक हीरालाल बिलाला, महामंडलेश्वर सुनील ट्रांसपोर्ट, मंडप उद्घाटन अशोक चायवाले, चक्रवर्ती अंतिम जैन, एक समोशरण पूरा विजेन्द्र सुपारीवाले, विधान के चक्रवर्ती धर्मचंद पाटनी देवेन्द्र पाटनी दिग्वेश पाटनी को चुना गया। पात्रो का चयन जल्द ही अपना नाम दे जिससे सभी लोगो को विधान का लाभ मिल सके। यह जानकारी कमल सेठी एवं अशोक जैन सर ने दी