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अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को मिला सातवां वेतनमान, प्रदेश के अन्य अधिकारी और कर्मचारी अभी कर रहे हैं इंतजार



डॉ. चंदर सोनाने
 
                   हाल ही में मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने प्रदेश में पदस्थ आईएएस , आईपीएस और आईएफएस सेवा के अधिकारियों को सातवां वेतनमान देने की घोषणा कर दी।  उन्हें इसी अक्टूबर माह से नया वेतनमाह का लाभ मिलने लग जाएगा। प्रदेश में समस्त विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने का अभी राज्य सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया हैं और न ही इस संबंध में कोई ठोस कारवाई आरंभ की हैं, जिससे लगता हो कि उन्हें शीघ्र ही सातवां वेतनमान मिलने वाला हो। इससे यह सिद्ध होता हैं कि राज्य सरकार की यह नीति अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों और राज्य सेवा के अधिकारियों में भेदभाव करने की हैं।
                   प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहन से यह अपेक्षा राज्य के विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को नहीं थी कि वे राज्य सेवा के और केंद्र सेवा के अधिकारियों को सातवां वेतनमान देने में भेदभाव करेंगे। किंतु , मुख्यमंत्री ने यह किया हैं। अभी तक की प्राप्त जानकारी से यह पता चलता है कि अब अखिल भारतीय सेवा के इन अधिकारियों ने केंद्र के समान जस का तस सातवां वेतनमान प्राप्त कर लिया है। अब वे यह प्रस्ताव  बना रहे है कि राज्य सरकार के सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को केंद्र के समान जस का तस सातवा वेतनमान नहीं मिलें। इसमें वे कमी कर संशोधन का प्रस्ताव लाने जा रहे हैं। उनका प्रस्ताव यदि राज्य सरकार ने स्वीकृत कर लिया तो राज्य के सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को आर्थिक हानि उठानी पडेगी।
                  प्रदेश में एक और षडयंत्र रचा जा रहा हैं। पेंशनरों को भी केंद्र के समान जस का तस वेतनमान नहीं देने के लिए प्रस्ताव बनाया जा रहा हैं। इससे सभी सेवानिव्ृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को अत्यधिक हानि उठानी पडेगी। यही नहीं , वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा राज्य सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतनमान का निर्धारण जिस मापदण्ड पर किया जा रहा हैं, उसी मापदण्ड पर सेवानिवृत्त अधिकारियों व कर्मचारियों का निर्धारण नहीं किया जा रहा हैं। इस प्रकार राज्य सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों और सेवानिव्ृत्त अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन का निर्धारण अलग-अलग  मापदण्डों पर किया जा रहा हैं। इससे सेवारत अधिकारियों व कर्मचारियों की तुलना में राज्य के सेवानिव्ृत्त अधिकारियों व कर्मचारियों को और अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पडेगा।
                 हालांकि प्रदेश के वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया ने यह कहा है कि जल्द से जल्द राज्य सेवा के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी सातवां वेतनमान दिया जाएगा। किंतु यह वेतनमान कब और किस मापदण्ड पर दिया जाएगा ,इसका खुलासा कोई नहीं कर रहा हैं।
                  प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एक संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं। उनसे अपेक्षा है कि वे राज्य सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी केंद्र के समान जस का तस सातवां वेतनमान देने का महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे। मुख्यमंत्री से यह भी अपेक्षा है कि प्रदेश के राज्य सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को भी केंद्र के समान जस का तस वेतनमान व पेंशन दी जाए , ताकि उनके साथ भी कोई भेदभाव नहीं हो पाए।
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