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भुवनेश्वर के हॉस्पिटल में सिलेंडर फटने से हुआ बड़ा हादसा, अब 23 लोगों की मौत, खिड़कियां तोड़ मरीजों को निकाला


भुवनेश्वर में इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड एसयूएम हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में सोमवार शाम आग लगने से अब 23 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 50 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं. ज्यादातर मरीजों की मौत दम घुटने से हुई है. हालांकि कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया है. सीएम नवीन पटनायक ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन चैंबर में शॉर्ट सर्किट के चलते ये आग लगी. ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने से बताई जा रही है.

पीएम मोदी ने नड्डा से कहा- घायलों को एम्स शिफ्ट करें 
इस घटना को लेकर पीएम मोदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से फोन पर बात की. नड्डा ने पूरी घटना के बारे में पीएम मोदी को जानकारी दी. पीएम मोदी ने सभी घायलों को तुरंत दिल्ली के एम्स में लाने के लिए कहा है. साथ ही पीएम ने ट्वीट कर घटना पर गहरा दुख जताया है. मोदी ने ट्वीट किया, ‘ओडि‍शा के अस्पताल में लगी आग में लोगों की जान जाने से काफी दुखी हूं. यह त्रासदी दिमाग को झकझोर देने वाली है. मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवारों के साथ हैं.’ उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बात की है और उन्हें घायलों को एम्स में भर्ती कराने की व्यवस्था करने को कहा है. उम्मीद है कि घायल लोग जल्द स्वस्थ होंगे.’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी हरकत में आए 
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र इस मामले में ओड‍िशा को हर जरूरी मदद दे रहा है. नड्डा ने कहा कि वह पहले ही भुवनेश्वर स्थित एम्स के अधिकारियों से बात कर चुके हैं और उनसे मरीजों को हर जरूरी मदद करने को कहा है.

हेल्पलाइन नंबर 
ओडिशा के स्वास्थ्य सचिव आरती आहूजा ने घटना की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं. AMRI का नंबर है- 0674-6666600, कैपिटल हॉस्पिटल का नंबर- 9439991226 है.

चश्मदीद ने बताया- कई मरीजों को खिड़कियां तोड़कर निकाला गया 
एक चश्मदीद ने कहा कि कई मरीजों को खिड़कियों के शीशे तोड़कर निकाला गया. चश्मदीदों के मुताबिक आग सबसे पहले अस्पताल की पहली मंजिल पर लगी, जिसके बाद देखते ही देखते तेजी से फैल गई. शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने की आशंका जताई जा रही है. इस बीच जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं कि आखिर आईसीयू वार्ड में ये आग कैसे लगी. आग की खबर लगते ही अस्पताल के बाहर के लोगों की भीड़ लग गई थी.

इन अस्पतालों में भर्ती हैं घायल 
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अतनु एस नायक ने कहा कि यदि अस्पताल अधिकारियों को लापरवाही का दोषी पाया गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. कैपिटल अस्पताल के निदेशक बी बी पटनायक ने कहा कि कई पीड़ित सम अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे और जीवन रक्षक प्रणाली पर रह रहे थे. ज्यादातर मौतें दम घुटने से हुई. उन्होंने कहा कि नाजुक तौर पर घायल हुए दो मरीजों को कैपिटल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है. डॉ. पटनायक ने बताया कि कैपिटल अस्पताल के अलावा मरीजों को पास के अमरी अस्पताल, अपोलो अस्पताल, कलिंग अस्पताल, कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और राज्य राजधानी क्षेत्र के कुछ अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया.

बिल्ड‍िंग में फंसे थे 500 से ज्यादा मरीज 
पुलिस आयुक्त कार्यालय और दमकल कर्मियों ने स्वयंसेवकों एवं अस्पताल कर्मियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया, क्योंकि 500 से ज्यादा मरीज इमारत में फंसे हुए थे. आग पर काबू पाने के लिए कम से कम सात अग्निशमन वाहनों को लगाया गया और नाजुक हालत वाले मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेजने के लिए एक दर्जन से ज्यादा एंबुलेंस लगाई गईं.

5 साल पहले कोलकाता के अस्पताल में आग से 89 की मौत हुई थी 
साल 2011 में कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल में भीषण आग लगी थी जिसकी चपेट में आने से 89 लोग मारे गए थे जिनमें 85 मरीज थे.

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