भारत में जीडीपी का मात्र 2.42 प्रतिशत ही सेना पर खर्च वर्तमान माहौल में सेना के बजट में बढ़ोतरी जरूरी
संदीप कुलश्रेष्ठ
भारत में सेना पर कुल 2.46 लाख करोड़ रूपये का ही रक्षा बजट हैं। यह भारत की जीडीपी का मात्र 2.42 प्रतिशत ही हैं। हाल ही में उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद और भारत के द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान से बढ़ते तनाव व यु़द्ध की आशंका के चलते रक्षा के बजट में बढ़ोतरी करना जरूरी हो गया हैं।
उडी में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की चीन से नजदिकियां बढ़ी हैं। भारत द्वारा पाकिस्तान की सीमा में घुसकर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान का झुकाव चीन की ओर और बढ़ा हैं। चीन ने भी अपनी पेंगे बढ़ाई हैं। इन सबको देखते हुए सेना के बजट में वृद्धि करना अत्यंत आवश्यक हो गया हैं। खास बात यह है कि रक्षा के कुल बजट में से आधी से ज्यादा राशि थल सेना के पास चली जाती हैं। बाकी की पचास प्रतिशत राशि में से जल सेना और वायु सेना पर खर्च होता हैं। इसमें भी गौरतलब यह है कि बजट की कुल राशि में से लगभग 70 प्रतिशत राशि केवल वेतन, भत्ते और रखरखाव पर ही खर्च हो जाती हैं। शेष लगभग 30 प्रतिशत राशि से सेना के लिए साजो सामान आदि खरीदे जाते हैं। यह विसंगतिपूर्ण हैं।
हमारे देश में जीडीपी का सेना पर खर्च के प्रतिशत पर एक नजर डाले तो हमें पता चलता है कि सन् 2005 से 2015 के दौरान कभी भी 2.89 प्रतिशत से अधिक खर्च नहीं किया गया । यह खर्च भी सन् 2009 का हैं। इसे छोड़ दे तो 2005 से लगातार 2015 तक जीडीपी का सेना पर होने वाला खर्च का प्रतिशत क्रमशः कम ही होता गया हैं। यह दुखद है। सन् 2005 से 2015 तक के आंकडों पर गौर करें तो हमें पता चलता हैं कि सन् 2005 में 2.72 प्रतिशत, 2006 में 2.52 प्रतिशत, 2007 में 2.34 प्रतिशत ,2008 में 2.50 प्रतिशत ,2009 में 2.89 प्रतिशत, 2010 में 2.70 प्रतिशत , 2011 में 2.65 प्रतिशत , 2012 में 2.53 प्रतिशत 2013 में 2.46 प्रतिशत 2014 में 2.48 प्रतिशत और 2015 में मात्र 2.42 प्रतिशत ही खर्च हुआ हैं। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद सेना के खर्च में कमी आई हैं । जहां 2014 में जीडीपी का 2.48 प्रतिशत खर्च किया गया, वहीं 2015 में इसमें गिरावट आई और 2015 में 2.42 प्रतिशत ही खर्च किया गया। यह आर्श्चयजनक हैं। आम जनता को और देशवासियों को यह उम्मीद थी कि भाजपानीत सरकार केंद्र में सत्तारूढ़ होने पर सेना के बजट में बढ़ोतरी होगी। और जीडीपी का सेना पर खर्च होने वाले प्रतिशत में वृद्धि होगी , पर यह नहीं हुआ। यह अपने आप में आश्चर्यजनक एवं दुखद हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से अपेक्षा है कि वह भारत की तीनों सेनाओं जल सेना, थल सेना और वायु सेना को और अधिक सक्षम और समर्थ बनाएगे। तीनों सेनाओं को और अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध कराएंगे। वर्तमान की संवेदनशील परिस्थितियों में यह अत्यंत आवश्यक भी हैं। देशवासी आश्वस्त हैं कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भारत की जीडीपी में आर्मी पर खर्च होने वाले प्रतिशत में करीब एक प्रतिशत की बढ़ोतरी कर 3.5 प्रतिशत तक तो ले ही जाएंगे।
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