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धर्म का काम घंटे दो घंटे का नहीं- निर्भयसागरजी म.सा.



उज्जैन। धर्म का काम घंटे दो घंटे का नहीं है, जीवन भर धर्म को अपने भीतर
उतारें। जीवन को दर्पण समान बनाओ जैसे दर्पण किसी को भीतर नहीं रखता उसी
प्रकार इंसान को राग द्वेष को भीतर नहीं रखना चाहिये।
उक्त विचार निर्भयसागरजी महाराज ने लक्ष्मीनगर महावीर जैन मंदिर प्रवचन
देते हुए व्यक्त किये। मुनिश्री शिवदत्तसागर, क्षुल्लक चंद्रदत्तसागर,
क्षुल्लक तत्वसागर भी मंचासीन थे। डिप्टी कलेक्टर राजेन्द्र ने दीप
प्रज्जवलन, शास्त्र भेंट किया। अध्यक्ष अशोक जैन, गौरव लुहाड़िया ने
संचालन किया। रथयात्रा निमाली गई जिसमें नवयुवक मंडल, पद्मावती मंडल,
महावीर महिला मंडल, अनेकात मंडल ने भक्ति नृत्य, आरती, श्रीफल समर्पित
किये। रथयात्रा आदिनाथ मंदिर, शांतिनाथ मंदिर होते हुए महावीर मंदिर
ऋषिनगर पहुंची जहां कलशाभिषेक में श्रध्दालु उमड़े। भोपाल रामनगर से
श्रध्दालु पंचकल्याणक हेतु बस द्वारा उज्जैन पहुंचे तथा उपाध्यायश्री से
भोपाल पधारने की विनती की। शांतिधारा का लाभ राजेंद्र लुहाड़िया, अशोक
पाटनी, सुनील जैन खुरईवाले, अजय छाबड़ा, रमेश पतंगया, चितरंजन जैन, लोकेश
छाबड़ा ने लिया।
पार्श्वनाथ मंदिर से शोभायात्रा निकली
उपाध्याय निर्भयसागरजी महाराज के ससंघ सानिध्य में शांतिनाथ जैन मंदिर
ऋषिनगर का भव्य विमानोत्सव कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर
उपाध्यायश्री ने कहा कि हम दूसरों पर दोषारोपण करके अपने दोषों से मुक्ति
नहीं पा सकते। हमें तन, मन, धन से प्रभुजी की भक्ति करें तभी मानव जीवन
की सार्थकता है। केसरिया पताकाओं के साथ फ्रीगंज पार्श्वनाथ मंदिर से
शोभायात्रा निकली। पार्श्वनाथ जैन दिव्य घोष के साथ श्रध्दालुओं ने आरती,
पाद प्रक्षालन व शास्त्र भेंट किया। के.सी. जैन अध्यक्ष एवं महिला मंडल
शांतिनाथ मंदिर समिति ने गुरूदेव की मंगल अगवानी की।

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