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मोदी और गनी ने पाक को सुनाई खरी.खरी, आतंकवाद के मुद्दे पर एक हुए भारत-अफगानिस्तान


आतंकवादियों का खुलकर समर्थन करने वाले पाकिस्तान को भारत और अफगानिस्तान ने कड़ा संदेश दिया है. प्रधानमंत्री मोदी और अफगा‍न राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मुलाकात के दौरान दोनों देशों के रक्षा और कारोबारी संबंध और मजबूत करने का फैसला किया और ऐलान किया कि अगली हार्ट ऑफ एश‍िया कॉन्फ्रेंस अमृतसर में आयोजित की जाएगी.

अपनी बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने क्षेत्र में राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निरंतर आतंकवाद के इस्तेमाल पर चिंता जताई. दोनों नेताओं के बीच बुधवार को क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई. संप्रभु, लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध अफगानिस्तान के लिए भारत के स्थायी समर्थन को दोहराते हुए पीएम मोदी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, ऊर्जा, आधारभूत संरचना जैसे क्षेत्रों में क्षमता निर्माण और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के लिए आगे जरूरतों पर देश के तैयार रहने के बारे में अवगत कराया.

भारत-अफगानिस्तान के बीच तीन समझौते 
प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान को एक अरब डॉलर की मदद की पेशकश भी की. दोनों देशों प्रत्यर्पण समझौता, नागरिक और वाणिज्यिक मामलों में सहयोग तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए. विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा, ‘‘दनों नेताओं ने क्षेत्रीय हालात पर चर्चा की और क्षेत्र में राजनीतिक लक्ष्यों के लिए आतंकवाद तथा हिंसा के निरंतर इस्तेमाल पर गंभीर चिंता जताई.’ उन्होंने कहा, ‘‘वे इस बात पर सहमत हुए कि यह घटनाक्रम क्षेत्र तथा इससे आगे शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए सबसे बड़ा खतरा है.’

नाम लिए बिना पाकिस्तान पर साधा निशाना 
इस बात पर जोर देते हुए कि बिना भेदभाव के सभी तरह के आतंकवाद का खात्मा जरूरी है, दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान और भारत को निशाना बनाने वालों सहित आतंकवाद के सभी प्रायोजकों, समर्थकों, सुरक्षित पनाहगाह और ठिकानों को नेस्तनाबूद करने की बात की. हालांकि पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया. यह पूछे जाने पर कि रक्षा आपूर्ति बढ़ाने के अफगानिस्तान की लंबित मांग को क्या भारत ने मान लिया, जयशंकर ने कहा, ‘दोनों नेताओं ने आतंकवाद से मुकाबले और सुरक्षा तथा रक्षा सहयोग मजबूत करने के प्रति अपना संकल्प जताया जैसा कि भारत-अफगानिस्तान रणनीतिक साझेदारी समझौते में परिकल्पना की गई है.’

अफगानिस्तान को 1.75 लाख टन गेहूं देने की पेशकश 
जयशंकर ने किल्लत झेल रहे अफगानिस्तान को 1.75 लाख टन गेहूं आपूर्ति करने की भारत की पेशकश पर भी बात की. उन्होंने कहा कि भारत गेहूं की आपूर्ति करना चाहता है और उसने महीनों पहले पाकिस्तान से ट्रांजिट के लिए अनुरोध किया था, लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला.

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