बकरीद के दिन कश्मीर घाटी में लग कर्फ्यू, ड्रोन से की जा रही निगरानी
भारत प्रशासित कश्मीर में बकरीद के मौके पर अलगाववादियों के संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक के कार्यालय तक मार्च की अपील को देखते हुए घाटी के सभी दस ज़िलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है.
ये फ़ैसले सोमवार देर रात जम्मू कश्मीर पुलिस के मुख्यालय पर हुई सुरक्षा की समीक्षा बैठक में लिए गए.
घाटी में हिंसा की शुरुआत होने के बाद से पहली बार बकरीद के मौके पर वहां कर्फ्यू लगाया गया है. लोग घरों में बंद हैं. सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. कोई बाहर नहीं निकल रहा है.
किसी भी ईदगाह में ईद की नमाज नहीं पढ़ी गई. हज़रतबल और जामा मस्जिद बंद हैं.
जुलाई में हिजबुल मुजाहिदीन के कथित कमांडर बुरहान वानी की एक मुठभेड़ में मौत के बाद से कश्मीर घाटी में हिंसा और प्रदर्शनों का दौर चल रहा है.
हिंसा और प्रदर्शनों में अब तक 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों सुरक्षाकर्मियों समेत हजारों लोग घायल हुए हैं.
मंगलवार को घाटी में सुरक्षा व्यवस्था के तहत पुलिस ने लोगों पर नज़र रखने के लिए ड्रोन और हेलिकॉप्टरों की तैनाती की है. घाटी में ड्रोन का इस्तेमाल पहली बार हो रहा है.
कई इलाकों में हाई रिज़ोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं. इसका मकसद लोगों को उकसाने वालों की पहचान करना है.
कस्बों और गांवों में पुलिस समेत सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ा दी गई है और सड़कों पर गश्त तेज़ हो गई है.
तनावग्रस्त दक्षिण कश्मीर के कई ज़िलों में सेना गश्त कर रही है और हेलिकॉप्टरों से निगरानी रख रही है.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षाबलों को निर्देश दिया था कि बकरीद पर अलगाववादियों को किसी भी तरह का मार्च नहीं करने देना है. इसके बाद से ही ये क़दम उठाए गए हैं.
बकरीद के दिन अलगाववादियों के श्रीनगर में मार्च निकालने की अपील के बाद इस रैली को विफल करने के लिए प्रशासन ने ये कदम उठाए हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ प्रशासन ने घाटी में अगले 72 घंटे के लिए बीएसएनएल के पोस्ट-पेड कनेक्शन को छोड़कर सभी कंपनियों की मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है.
बीएसएनएल को अपनी ब्राडबैंड सेवा बंद करने को कहा गया है.