प्रेम, मर्यादा, त्याग और समर्पण से होता है घर का निर्माण
लब्धि महामंडल महाअर्चना के दौरान बोले उपाध्याय निर्भय सागरजी महाराज
उज्जैन। पति-पत्नी एक दूसरे के सुख दुख के साथी होते हैं। पति का दुख पत्नी का और पत्नी का दुख पति का है। अगर दोनों एक दूसरे की भावनाओं को समझकर जियेंगे तो परिवार व घर में स्वर्ग जैसा प्रतीत होगा। घर का निर्माण केवल ईंट, पत्थर, सीमेंट से नहीं बल्कि घर में रहने वालों के प्रेम, वात्सल्य, मर्यादा, त्याग और समर्पण की भावना से होता है। इसलिए सास बहू हमेशा आपसी प्रेम को बनाये क्योंकि गृहणी की जिम्मेदारी से परिवार सुदृढ़ संपन्न और संस्कारित बनता है। नारी परिवार की नाड़ी है इसलिए नारी सदैव अच्छा आचरण व्यवहार करे।
उक्त उद्गार नारी चेतना मंडल द्वारा आयोजित लब्धि महामंडल महाअर्चना के दौरान उपाध्याय निर्भय सागरजी महाराज ने व्यक्त किये। जैन मित्र मंडल के अध्यक्ष नितीन डोसी एवं चातुर्मास समिति के ललित जैन, वरूण सेठी के अनुसार फ्रीगंज पाश्र्वनाथ जैन मंदिर में शुक्रवार को दिगंबर जैन समाज के सभी 12 महिला मंडल एकत्रित हुए। सभी ने भक्ति संगीत के साथ प्रभु आराधना कर उपाध्यायश्री की पूजा व शास्त्र समर्पण कर चरणाभिषेक कर धर्मलाभ लिया। केसरिया व पीले परिधानों में सजीधजी महिला मंडलों ने भावनृत्य कर अपूर्व भक्ति कर श्रीजी मंडप पर श्रीफलों का पहाड़ लगा कर भक्ति की। मुनिश्री शिवदत्त सागर, क्षुल्लक चंद्रदत्तसागर महाराज ने आराधना संपन्न करायी। नारी चेतना मंडल की अध्यक्षा पुष्पा जैन, सचिव शकुन जैन, कोषाध्यक्ष शोभा कासलीवाल, संयोजक मीना, सरिता, राजश्री सहित पद्मावती महिला मंडल, महावीर ज्ञान पीठ महिला मंडल, शांतिनाथ महिला मंडल, आदिनाथ महिला मंडल, सम्यक तरंग महिला मंडल, भक्तांबर महिला मंडल, पाश्र्वनाथ पारणा समिति मुनि भक्त महिला मंडल, दिगंबर जैन महिला परिषद जैन महिला संगठन, पाश्र्वनाथ महिला मंडल ने सामूहिक आराधना की। विशेष व्यवस्था व सहयोग जैन मित्र मंडल ने किया। श्री निर्भय सागर वर्षायोग समिति एवं दिगंबर जैन पाश्र्वनाथ मंदिर समिति ने हमेशा महिलाओं से सामूहिक आराधना कर धर्मलाभ के कार्यक्रम करते रहने के लिए आभार प्रकट किया। चातुर्मास समिति के संजय बड़जात्या के अनुसार फ्रीगंज दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में आज प्रातः थाईराईड उपचार शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रसिध्द ज्योतिर्विद डाॅ. राजेन्द्र जैन बिना आॅपरेशन एवं दवाईयों के सिर्फ अंगुली के स्पर्श से थाईराईड रोग का इलाज करेंगे।