स्मार्ट सिटी के साथ स्मार्ट गांव भी बनाये जाएं: गणि राजेन्द्र विजय
केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री श्री सुदर्शन भगत ने कहा कि राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता के लिए आदिवासी जनजीवन का उत्थान जरूरी है। इसी से हिंसा, नक्सलवाद एवं आतंकवादी की समस्या से मुक्ति पायी जा सकती है। सुखी परिवार अभियान के प्रणेता गणि राजेन्द्र विजय के प्रयत्नों से गुजरात का आदिवासी जनजीवन हिंसा का रास्ता छोड़कर स्वउत्थान की ओर अग्रसर हो रहा है, यह संपूर्ण राष्ट्र के लिए प्रेरणा की बात है।
श्री भगत कांस्टीट्यूशनल क्लब, रफी मार्ग पर सुखी परिवार अभियान के संस्थापक गणि राजेन्द्र विजयजी के सान्निध्य में आयोजित स्मार्ट ट्रायबल विलेज डवलेपमेंट एवं नये बने केन्द्रीय आदिवासी मंत्रियों के सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए बोल रहे थे। इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री फगन सिंह कुलस्ते, अखिल भारतीय इमाम संगठन के अध्यक्ष डाॅ. इमाम उमर अहमद इलयासी, इंटरनेशनल डिसेंसी संगठन उड़ीसा की गुरुमाता अरुणधती, सांसद श्री रामसिंह भाई राठवा, झारखण्ड के मुख्यमंत्री के भ्राता श्री मूलचंद साहू, विश्व अहिंसा संघ के चेयरमैन श्री महेन्द्र डागा, भाजपा उड़ीसा के नेता श्री मुरली शर्मा, ट्राईफेड के चेयरमैन श्री किरण कुमार पटेल, गुजरात के श्री गिरीश भाई शाह, भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सुरेश जैन, उदय इंडिया के संपादक श्री दीपक रथ, पत्रकार श्री ललित गर्ग आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर सुखी परिवार ट्रायबल ग्रामोद्योग के सहयोग से एवं आदिवासी क्षेत्रों से उत्पादित आयुर्वेदिक शुद्ध शाकाहारी आयुर्वेदिक दवाइयों एवं अन्य उत्पादों का लोकार्पण किया गया। पंचमवेद अनुष्ठान के सहकार्य से निर्मित उत्पादों का भी इस अवसर पर अनावरण किया गया। श्री वीरचंद राघवजी गांधी की 151वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनके जीवन-दर्शन पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया गया और उनके जीवन और दर्शन से संबंधित प्रदर्शनी भी इस अवसर पर लगायी गयी।
गणि राजेन्द्र विजय ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्मार्ट सिटी की योजना प्रस्तुत की है। मैं चाहता हूं कि स्मार्ट सिटी के साथ-साथ स्मार्ट गांव की भी योजना लागू हो। क्योंकि असली भारत गांवों में बसता है। गांव के विकास के बिना भारत का वास्तविक विकास नहीं हो सकता। उन्होंने देश के विकास में धर्मगुरुओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करते हुए कहा कि संयम और त्याग के बल पर ही धर्म को जीवंत रखा जा सकता है। आज तथाकथित धर्मगुरु वैभव, प्रदर्शन एवं सुविधावाद के नाम पर जो विकृतियां फैला रहे हैं उनसे सावधान रहने की जरूरत है। अब तो धर्मगुरु व्यवसायी भी बनते जा रहे हैं इससे धर्म के प्रति आस्था कमजोर होगी। गणि राजेन्द्र विजयजी ने आदिवासी लोगों के उत्थान के लिए जैन समाज को आगे आने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि जैन धर्म मंे आदिवासी लोगों का विशिष्ट योगदान है। उन्होंने आदिवासी जनजीवन के आर्थिक, सामाजिक एवं भौतिक विकास के साथ-साथ स्वनिर्भरता पर भी बल दिया।
केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री फगन सिंह कुलस्ते ने नकली दवाओं एवं मिलावट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार इन स्थितियों पर नियंत्रण के लिए प्रयत्नशील है। उन्होंने आदिवासी क्षमताओं एवं प्रतिभा की राष्ट्रीय विकास में भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए कहा कि आदिवासी जनजीवन को आत्मनिर्भर बनाकर हम न केवल हिंसा की समस्या से मुक्ति पायेंगे बल्कि पर्यावरण को भी उन्नत कर पायेंगे। उन्होंने गणि राजेन्द्र विजय के आदिवासी उत्थान और उन्नयन के प्रयासों को उपयोगी बताया और कहा कि इससे राष्ट्रीयता, स्वदेश भावना एवं नैतिकता की स्थापना होगी।
अखिल भारतीय इमाम संगठन के अध्यक्ष डाॅ. इमाम उमर अहमद इलयासी ने कहा कि किसी भी धर्म में इंसान को इंसान से नफरत करने की भावना नहीं है। आतंकवाद एवं हिंसा की भावना कभी भी धार्मिक नहीं हो सकती। जो लोग नफरत एवं विद्वेष की राजनीति करते हैं वे अमानवीय हैं। उन्होंने जैन धर्म और इस्लाम धर्म की तुलनात्मक विवेचना करते हुए कहा कि दोनों ही धर्मों ने हिंसा को अस्वीकारा है। उन्होंने पर्यावरण की चर्चा करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को अपने जन्मदिवस पर एक पौधा अवश्य ही रोपना चाहिए।
इस अवसर पर स्ट्रीट चाइल्ड डवलपमेंट की सांस्कृतिक प्रस्तुति ने दर्शकों को मोहित किया। कार्यक्रम का संयोजन श्री ललित गर्ग ने किया। अतिथियों का स्वागत श्री अमित जैन, श्री विशाल जैन, सुखी परिवार फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री मनोज जैन आदि ने किया।