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निर्भया गैंगरेप के दोषी आरोपी ने जेल में की आत्महत्या की कोशिश, हालत गंभीर


 निर्भया गैंगरेप मामले में में दोषी विनय शर्मा ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी की कोशिश की है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार दोषी विनय ने गले में गमछा बांधकर खुदकुशी प्रयास किया जिसके बाद उसकी हालत गंभीर हो गई। जेल प्रशासन तक इस बात की जानकारी पहुंचने पर उसे आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि विनय ने पहले कुछ दवाइंया खाईं और फिर गमछा गले में बांधकर फांसी लगाने की कोशिश की। विनय को तिहाड़ की 8 नंबर जेल में रखा गया था। इससे पहले भी दोषी विनय ने किसी पेन किलर का अत्यधिक सेवन कर लिया था।

दिल्ली के निर्भया गैंगरेप कांड के दोषी विनय शर्मा पर जेल में पहले भी हमला हो चुका है। उस पर तिहाड़ जेल के ही कैदियों ने पिछले साल हमला कर दिया था जिसमें उसका हाथ में फ्रेक्चर हो गया था। निर्भया केस के 5 दोषियों में से एक जिम ट्रेनर रहे विनय शर्मा को निर्भया केस में अपहरण, दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार देते हुए कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है, जिसके बाद से वह तिहाड़ जेल में बंद है।

गौर हो कि इस मामले में एक अन्य आरोपी राम सिंह ने कथित तौर पर जेल में  खुदकुशी कर ली थी। इस घटना के बाद से एक बार फिर तिहाड़ जेल की अंदरूनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए थे।

राम सिंह ने जेल नंबर-3 में लगाई थी फांसी
गौरतलब है कि राम सिंह ने कोर्ट में पेशी से ठीक पहले सुबह 5 बजे तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर अपनी जान दे दी थी. वह जेल नंबर-3 में बंद था. उसने जेल में लगी ग्रिल में अपनी शर्ट और दरी का फंदा बनाकर जान दी थी.

इस बीच, निर्भया की मां ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दोषियों को उनके कर्मों की सजा मिल रही है। भगवान उन्हें उनके कर्मों की सजा दे रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का कानून इतना ढीला है चाहे जितनी बर्बरता हो जाए,  अपनी जगह से टस मस नहीं होता। सच्चाई छिपती नहीं है। हमारी बच्ची को उन लोगों ने मारा है। उनका कर्म ही उनको जीने नही देगा। एक अदालत भगवान की होती है, कानून सजा दे ना दे। उसका जो पाप है उसको अंदर से ही मरने पर मजबूर हो जायेगा।

वहीं विनय के पिता ने कहा कि वहां एक चीज़ नहीं जाती तो फांसी कैसे लगा सकते हैं? मेरा लड़का फांसी नहीं लगा सकता, जब इतनी सुरक्षा है तो वहां दवाई आई कहां से? या छोड़ दें या खुद फांसी पर लटका दें, रोज़ रोज़ का ड्रामा लगा रखा है। मेरा बेटा है मुझे तो दर्द होगा ही।

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