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अपने गुरू को श्रद्धांजलि देते भावुक हुए नरेंद्र मोदी


 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गुरु प्रमुख स्वामी को सोमवार को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करते समय भावुक हो उठे। प्रमुख स्वामी का 95 वर्ष की अवस्था में यहां शनिवार शाम निधन हो गया था। प्रमुख स्वामी बोचासंवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामी पंथ से थे। दुनिया भर में उनके ढेर सारे अनुयायी हैं। हजारों लोगों की उपस्थिति में मोदी ने कहा कि लोगों ने एक गुरु खोया होगा, लेकिन उन्होंने एक पिता खो दिया है।

मोदी दिल्ली के लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करने के बाद एक विशेष विमान से अहमदाबाद पहुंचे। गुजरात के राज्यपाल ओ.पी. कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपानी और अन्य अधिकारियों ने सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर यहां प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी की। इसके बाद मोदी एक हेलीकॉप्टर से बोटाद जिले के सारंगपुर के लिए रवाना हो गए, जहां प्रमुख स्वामी का पार्थिव शरीर श्रद्धालुओं के अंतिम दर्शन के लिए रखा हुआ था।

मोदी सारंगपुर में लगभग एक घंटा रहे। इसके बाद वह दिल्ली लौट गए। यहां हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ थी, और लोग सैकड़ों बसों और अपने निजी वाहनों से यहां पहुंचे थे। मोदी ने कहा कि प्रमुख स्वामी ने देश की राजधानी में यमुना तट पर अक्षरधाम मंदिर बनवा कर अपने गुरु योगीजी महाराज की इच्छा पूरी की थी। मोदी ने अपनी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि जब दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन होना था, प्रमुख स्वामी ने मुझे हर हाल में उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए कहा था। मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

मोदी ने कहा, “यद्यपि वहां कई सारे महत्वपूर्ण लोग थे, लेकिन स्वामीजी ने न सिर्फ मुझे पूजा में बैठने की इच्छा जाहिर की, बल्कि उन्होंने मुझे कुछ पैसे भी दिए ताकि मैं भी चंदे के रूप में योगदान कर सकूं।” प्रधानमंत्री ने कहा, “उन्हें पता था कि मेरी जेब में कुछ नहीं था।” उन्होंने प्रमुख स्वामी को अपना गुरु और संरक्षक करार दिया। मोदी जब राज्य के मुख्यमंत्री थे तो अक्सर प्रमुख स्वामी से मिलने जाया करते थे। गुजरात के सारंगपुर की तरफ जाने वाले राज्य के सभी राजमार्गो पर सोमवार को भारी भीड़ थी, क्योंकि हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्वामी के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े थे।

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