अरूणाचंल के पूर्व मुख्यमंत्री का शव पंखे से लटका मिला
इटानगर। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल ने आत्महत्या कर ली है। उनका शव सरकारी निवास में पंखे से लटका मिला।
उन्होंने हाल ही में भारी ड्रामे के बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ था। बताया जा रहा है कि वे बीते कुछ दिनों से परेशान चल रह थे। वहीं भाजपा नेता इसके लिए कांग्रेस को दोषी ठहरा रहे हैं।
यूं रातों-रात बने थे सीएम
19 फरवरी का दिन अरुणाचल प्रदेश के लिए बड़ा राजनीतिक बदलाव लेकर आया था। उस दिन राष्ट्रपति शासन समाप्त हुआ और रात में नई सरकार का गठन भी कर लिया गया।
कांग्रेस के बागी विधायकों का नेतृत्व करने वाले कलिखो पुल को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया गया था। पुल ने भाजपा की मदद से सरकार बनाई थी। उसी दिन झटपट बुलाए गए समारोह में उन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ भी ले ली थी। इससे कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा था।
हालाांकि बाद में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो जुलाई में राष्ट्रपति शासन भी हट गया और सत्ता भी वापिस मिल गई। हालांकि मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद भी पुल सीएम आवास में ही रह रहे थे।
1995 से लगातार 5 बार जीते थे विधानसभा चुनाव
कलिखो पुल 1995 के बाद से लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीते थे. अंजॉ जिले के हवाई से आने वाले कलिखो मुख्यमंत्री गेगांग अपांग के कार्यकाल (2003-2007) में वित्त मंत्री रहे. पांच बच्चों के पिता पुल कमान मिश्मी से ताल्लुक रखते थे. इस समुदाय की कुल आबादी लगभग 2,500 है. पुल कई बार मंत्री भी रहे थे. 1995 से 1997 तक वे वित्त उपमंत्री रहे, उसके बाद 1997-99 तक बिजली राज्य मंत्री रहे. इसके बाद 1999-2002 तक वित्त राज्य मंत्री और 2002 से 2003 तक भूमि प्रबंधन के राज्य मंत्री रहे. 2003 से 2005 तक पुल ने वित्त मंत्रालय संभाला. उन्हें एक उच्चस्तरीय समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया था. लगभग एक साल तक वे मुख्यमंत्री के सलाहकार भी रहे.
बहुत ज्यादा प्रेशर में थे
एक समारोह में उन्होंने कहा था कि वो बहुत ज्यादा प्रेशर में हैं.
बताया जाता है कि जब से वो सीएम पद से हटे थे तबसे उनका लोगों से मिलना जुलना कम हो गया था.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद वो काफी डिप्रेशन थे.
एक मीडिया चैनल से से बातचीत में उन्होंने कहा था कि अब वो सिर्फ दिन गिन रहे हैं.
ईटानगर के विधायक पेची कासो ने कहा कि उनकी काफी दिन से उनसे मुलाकात नहीं हुई.