उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन से फिर मची तबाही, बद्रीनाथ-केदारनाथ यात्रा रोकी, कई लोग मरे
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चमोली ज़िलों में भारी बारिश के बाद बादल फटने और भूस्खलन में कम से कम 12 लोग मारे गए हैं जबकि करीब 25 लोग लापता बताए जा रहे हैं. आशंका है कि वे मलबे में दबे हो सकते हैं या तेज़ पानी के बहाव में बह गए हो सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों की मौत पर दुख प्रकट किया है और उम्मीद जताई है कि जल्दी ही हालात सामान्य हो जाएंगे.
उन्होंने ट्विट किया, "उत्तराखंड में बादल फटने और भारी बारिश में लोगों की जान जाने से मैं दुखी हूं. पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं."
उन्होंने ये भी लिखा, "जो लोग हादसों में ज़ख्मी हुए हैं उनके लिए मैं प्रार्थना करता हूं. मुझे उम्मीद है कि वर्षा प्रभावित इलाकों में हालात जल्दी ही सामान्य हो जाएंगे."
इस बीच प्रभावित इलाकों में सेना को बुला लिया गया है. एनडीआरएफ के जवान भी बचाव और राहत के काम में जुट गए हैं.
इन इलाकों में खेती को भी नुकसान पहुंचा है. लोगों के खेत और पशु बह गए हैं और मकान मलबे में दब गए हैं.
मौसम विभाग ने राज्य में 72 घंटे तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.
पिथौरागढ़ के बस्तड़ी और नौलेरा गांव में बादल फटने की घटना के बाद पांच लाशें निकाली जा चुकी हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पिथौरागढ़ और चमोली की घटनाओं पर खेद जताया. उनके मुताबिक, “चमोली और पिथौरागढ़ में बादल फटने की घटना बेहद दुखद हादसा है. प्रभावित जगहों पर आपदा प्रबंधन टीम को भेजा जा चुका है. मैं और मुख्य सचिव खुद घटना को मॉनिटर कर रहे हैं.”
रावत ने कहा कि मरने वालों के आश्रितों को सरकार की ओर से दो-दो लाख का मुआवजा दिया जाएगा.
इस बीच पिछले 12 घंटों की बारिश से बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन से बाधित हो गया है. इस हाइवे पर कई जगह बार-बार मलबा आने से यात्रा बाधित है. यात्रियों को सुरक्षित स्थानों में ही रुकने की हिदायत दी गई है. जो यात्री रास्ते पर थे, उन्हें भी सुरक्षित ठिकानों पर भेज दिया गया है.
मौसम विभाग ने राज्य में अगले 2-3 दिनों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई है.
सरकार ने एक प्रेस बयान जारी कर राज्य में सभी नागरिकों से सतर्क रहने का अनुरोध किया है.
सभी जिलाधिकारियों को नदी के आस-पास संवेदनशील क्षेत्रों की बसावटों में एनाउन्समेट के साथ-साथ सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिये गये हैं.
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में विषेश रूप से भारी वर्षा की सम्भावना व्यक्त की गई है.
आपदा प्रबन्धन विभाग ने मैदानी इलाकों के संवेदनशील क्षेत्रों रहनेवालों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने, राहत और बचाव दलों को सतर्क रहने, पानी वाले स्थानों पर आवाजाही और स्कूलों को बन्द रखने के निर्देश दिए हैं.