मल्टीनेशनल कंपनी एस्सार ग्रुप पर कई वीवीआईपी की अवैध फोन टैपिंग का लगा आरोप
मल्टीनेशनल कंपनी एस्सार ग्रुप पर कई वीवीआईपी की अवैध फोन टैपिंग का सनसनीखेज आरोप लगा है. आरोप है कि ग्रुप ने 2001 से 2006 तक एनडीए और यूपीए सरकार के कई कैबिनेट मंत्रियों के साथ ही मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी जैसे कारोबारी दिग्गजों का फोन टैप किया. जिन लोगों के फोन टैप किए गए उनमें अटल बिहारी वाजपेयी के वक्त के पीएमओ अधिकारी भी शामिल हैं.
अंग्रेजी अखाबर 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के वकील सुरेश उप्पल ने बीते 1 जून को इस बारे में 29 पेज की एक शिकायत पीएमओ को भेजी है. सुरेश एस्सार समूह के उस कर्मचारी के वकील हैं, जिस पर कथित तौर पर फोन टैपिंग का आरोप है. बताया जाता है कि एनडीए सरकार में मंत्री रहे प्रमोद महाजन का फोन भी टैप किया गया था. कुछ फोन टैपिंग टेलिकॉम लाइसेंसिंग के सिलसिले में हुई थी.
सुरेश प्रभु, प्रफल्ल पटेल का फोन भी हुआ टैप
सुरेश उप्पल की शिकायत के मुताबिक, मौजूदा रेल मंत्री सुरेश प्रभु, पूर्व मंत्री प्रफुल्ल पटेल और राम नाइक, रिलायंस ग्रुप के मुकेश और अनिल अंबानी, अनिल की पत्नी टीना अंबानी और कई टॉप ब्यूरोक्रेट्स के फोन टैप किए गए थे. इसके साथ ही सपा नेता अमर सिंह, तत्कालीन गृह सचिव राजीव महर्षि, IDBI बैंक के पूर्व चेयरमैन पीपी. वोहरा, IDBI बैंक के ही पूर्व सीईओ और एमडी केवी. कामथ और इसी बैंक की पूर्व जवॉइंटइंट मैनेजिंग डायरेक्टर ललिता गुप्ते का फोन भी टैप किया गया.
2जी मामले में एस्सार पर चल रहा मुकदमा
गौरतलब है कि चर्चित 2जी आवंटन घोटाला मामले में एस्सार मुकदमे का सामना कर रही है. समझा जाता है कि फोन की टैपिंग से सत्ता की दलाली, कारोबार में भ्रष्टाचार, सरकार और कारोबारियों के बीच डील और ऐसे ही कई गहरे राज पर एस्सार की नजर थी.
सुप्रीम कोर्ट में फोन टैपिंग पर हो रही सुनवाई
खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट में इस वक्त एक जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है, इसमें एस्सार ग्रुप पर अपने फायदे के लिए कुछ नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स और जर्नलिस्ट्स की फोन टैपिंग का आरोप है. पीआईएल केंद्र की तरफ से दायर की गई है. हालांकि कंपनी का कहना है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है. एस्सार के जिस पूर्व कर्मचारी पर टैपिंग का आरोप लगा है उसका नाम है अलबासित खान. उप्पल उन्हीं के वकील हैं. दो महीने पहले उन्होंने एस्सार ग्रुप और कुछ दूसरे कॉर्पोरेट्स को एक नोटिस भी भेजा था.
'प्रशांत और रविकांत रूइया ने कहा था टैपिंग के लिए'
सुरेश उप्पल के मुताबिक, खान एस्सार ग्रुप में सिक्युरिटी हेड था और उसने ये फोन टैपिंग अपने टॉप मैनेजमेंट के कहने पर की थी. वह बताते हैं 2001 में एस्सार के प्रशांत और रविकांत रूइया ने उसे फोन टेलिकॉम लाइसेंस से जुड़े मामले में फोन टैपिंग करने को कहा था. उप्पल की शिकायत में उन नंबरों का भी साफ तौर पर जिक्र किया गया है जिनके फोन टैप किए गए.
आरोपों की जांच होनी चाहिए: एस्सार
अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, इस पूरे विवाद पर एस्सार ग्रुप का कहना है कि सभी फैक्ट्स और आरोपों की जांच की जानी चाहिए. कॉशन नोटिस में लगाए आरोप भी बेबुनियाद और गलत हैं. हम इस बारे में जवाब देंगे. उप्पल ने जो कॉशन नोटिस भेजा है, उसमें कहा गया है कि खान का ड्रग एनफोर्समेंट बैकग्राउंड था. इसके बावजूद प्रशांत रूइया ने उसे कंपनी का सिक्युरिटी हेड बना दिया. खान 2001 से 2011 तक एस्सर के सिक्युरिटी हेड रहे.